दिव्य ज्योति जागृति संस्थान अपने प्रकल्प बोध नशा उन्मूलन कार्यक्रम की के अंतर्गत नशे से बचाव के प्रति जागरूकता फैलाने हेतु विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों का दौरा करता है । इन कार्यशालाओं के जरिये योजनाबद्ध रूप मे युवा (छात्र), शिक्षक और स्कूल के अन्य कर्मचारी पर काम किया जाता है ।
इन कार्यशालाओं की शुरुवात कुछ activities के द्वारा किया जाता है जिसके पश्चात एक नशे से जुड़े अनेकों मिथको व वास्तविकता पर एक रुचिकर प्रश्नोत्तरी की जाती है | इस प्रशोनत्तरी मे ज़्यादातर शुरवाती नशों पर ज़ोर दिया जाता है जैसे की सिगरेट, शराब, पान, खैनी आदि।
इसके साथ ही सवैधानिक दवाओं के उचित और नियंत्रित उपयोग के बारे में भी छात्रो को बताया जाता है | दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक और सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्य विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थो के सेवन के पर गहन और विस्तृत रूप से प्रकाश डाला जाता है की कैसे नशा सीधे मस्तिष्क के तंत्र पर प्रहार करता है और “व्यसन जीवन चक्र ग्राफ” के द्वारा उसकी प्रक्रिया को समझाया जाता है । यह ग्राफ एक अच्छी तरह से विकसित मॉड्यूल है जो विभिन्न संगठनों की मदद से तैयार किया गया है ।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के वॉलंटियर द्वारा विभिन्न विषयों जैसे रंगमंच, प्रदर्शन, वीडियो स्क्रीनिंग, शिक्षाप्रद और इंटरैक्टिव गेम, क्विज़ आदि की सहायता से नशे की समस्या और इसके आसपास के विभिन्न जटिल और विरोधाभासी स्थितियों पर भी चर्चा की जाती है। अंत में सभी प्रतिभागी कभी नशा न लेने का संकल्प धारण करते है |
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