यह अक्सर कहा जाता है कि जब रात अँधेरे के शीर्ष पर होती है और कभी समाप्त नहीं होगी ऐसा प्रतीत होता है तो इसका मतलब है कि दिन का प्रकाश बहुत निकट है तथा अँधेरा जल्दी ही समाप्त हो जाएगा l अनुभव यह भी कहता है कि जब भी एक द्वार (दरवाजा) बंद होता है तो दूसरा खुल जाता है अर्थात प्रत्येक दुःख में आशा की किरण होती है और प्रत्येक विपरीत परिस्थिति एक नया अवसर देती है l इसी तरह दुनिया अशिष्टता, स्वार्थ, बईमानी, शोषण जैसी बुराइयों से भरी पड़ी है और नकारात्मकता कभी समाप्त नहीं होती, यह सच है कि नई सुबह नया सूर्योदय हम सभी को अपनी बाहों में लेने के लिए तैयार है l जहां हमें आशा, आनंद, शांति और उल्लास प्राप्त होगा l
विश्व को इस प्रकार का गहन संदेश देने के लिए 18 जुलाई 2019 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा राजस्थान में एक भक्तिमय संगीत का कार्यक्रम का आयोजन किया गया l श्री आशुतोष महाराज जी कि शिष्या साध्वी शैब्या भारती जी ने समझाया कि आज समय की आवश्यकता है कि हम इस आध्यात्मिक पथ पर अपार श्रद्धा, विश्वास, प्रेम और भक्ति के साथ बढ़े l
बहुत ही पवित्रता, दिव्यता और निष्ठा भावों से गाए गए भक्ति गीतों ने उपस्थित श्रोतागणों को मोहित कर दिया l भावपूर्ण भक्ति गीतों और भजनो का श्रोताओ पर ऐसा सौंदर्यात्मक प्रभाव पड़ा जिससे उनका चित्त कुछ समय के लिए संसार को भुला कर भजनो कि पवित्र दिव्यता में डूबो गया l श्रोतागण दिव्य भजनों की श्रृंखला से इतने प्रभावित व आकर्षित हुए कि उन्होंने स्वयं को इस तरह के पवित्र नाद (दिव्य संगीत) से सदैव जुड़े रहने कि प्रार्थना की l
यह कार्यक्रम लोगों को असंख्य समस्याओ के समाधान के प्रति जागरूक करने हेतु रखा गया l इस तरह के प्रयासों से लोगों को प्रेरणा मिलती है, उत्साह मिलता है और वे अपनी कार्य- कुशलता को बढ़ाने के लिए संघर्ष करते है तथा जीवन के नकारात्मक तनाव को खत्म करने के लिए भी प्रेरित होते हैं l