Read in English

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है। वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेदमंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को जन-प्रचलित करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मन्दिर देश भर में कार्यरत है।

Divya Jyoti Ved Mandir initiates Vedic Revolution through Vedic Sangosthi-s: Uttar Pradesh Edition

वैदिक संगोष्ठी, वैश्विक स्तर पर दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा शुरू की गई वैदिक बैठकों की एक अनूठी श्रृंखला है जिसका उद्देश्य सहयोगी प्रयासों के माध्यम से वैदिक मूल्यों और इसकी समृद्धि का संरक्षण, प्रचार व विस्तार करना है।

देशभर में हो रही इन्ही वैदिक संगोष्ठी की श्रृंखला को आगे बढाते हुए दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक गण व दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ताओं ने उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में गणमान्य व्यक्तियों व वैदिक शिक्षाविदों से भेंट की। साध्वी दीपा भारती जी, स्वामी अर्जुनानद जी, स्वामी हरिप्रकाशानन्द जी व स्वामी विष्णुप्रकाशानन्द जी दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के कार्यकर्ताओं सहित निम्नलिखित व्यक्तित्वों से भेंट की:

Divya Jyoti Ved Mandir initiates Vedic Revolution through Vedic Sangosthi-s: Uttar Pradesh Edition
  1. पद्म भूषण प्रो. वशिष्ठ त्रिपाठी
     न्यायशास्त्र विद्वान और पूर्व प्रोफेसर, संपूर्णानंद विश्वविद्यालय, वाराणसी।
  2. महंत नृत्य गोपाल दास जी
     श्री मनीराम छावानी, अयोध्या
     प्रमुख, राम जन्मभूमि न्यास
     अध्यक्ष, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र
  3. महंत कमल नयन दास जी
     श्री मनीराम छावानी, अयोध्या
  4. महंत राजू दास जी
     हनुमान गढ़ी मंदिर, अयोध्या
  5. श्री के. वेंकट रमन घनपाठी
     सदस्य, काशी विश्वनाथ मन्दिर
  6. श्री द्वारिका तिवारी
     सचिव, गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर
  7. योगी सोमनाथ
     योग प्रशिक्षक, महायोगी गुरु गोरखनाथ योग संस्थान, गोरखनाथ मन्दिर, गोरखपुर
  8. प्रो. हरे राम त्रिपाठी
     कुलपति, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी
  9. प्रो कमलेश झा
     संकायप्रमुख, संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय (एसवीडीवी),
     बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  10. डॉ अरविंद कुमार चतुर्वेदी
     प्राचार्य, श्री गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यापीठ, स्नातकोत्तर विश्वविद्यालय, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर
  11. डॉ. जयंतपति त्रिपाठी
     प्राचार्य, श्री स्वामी नारायणानंद तीर्थ वेद विद्यालय, वाराणसी
  12. डॉ अरुण कुमार सिंह
     प्राचार्य, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज, गोरखपुर
  13. डॉ. प्रीति विमर्शिनी
     उप-प्राचार्य, पाणिनी कन्या महाविद्यालय, वाराणसी
  14. प्रो. राम नारायण द्विवेदी
     महासचिव, श्री काशी विद्वत परिषद
     प्रोफेसर, व्याकरण विभागाध्यक्ष, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी
  15. श्री केशव जालान
     अध्यक्ष, जालान समूह, वाराणसी
  16. डॉ. लालमणि तिवारी
     प्रबंधक, गीताप्रेस गोरखपुर
  17. श्री संजीव
     संयोजक, अखिल भारतीय शास्त्ररक्षणप्रकल्प, संस्कृत भारती, वाराणसी

दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की टीम ने विशिष्ट शिक्षाविदों से विस्तारपूर्वक संवाद किया जिसमें उन्होंने यह बताया कि किस प्रकार दिव्य ज्योति वेद मन्दिर विविध कार्यक्रमों और अनेक गतिविधियों के माध्यम से वैदिक ज्ञान का संरक्षण और प्रचार-प्रसार कर रहा है। इतना ही नहीं, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने कोविड-19 महामारी काल में विश्व स्तर पर अपने कार्येक्षेत्र का विस्तार किया और विविध-भाषीय लोगों को रुद्री पाठ और संस्कृत संभाषण सिखाया। परिणामतः हाल ही में शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी- रुद्री पाठ के ऑडियो-विजुअल का DJJS के यूट्यूब चैनल पर विमोचन किया गया। ऑडियो-विजुअल सुनने तथा देखने के उपरान्त सभी दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के वेदपाठियों द्वारा रुद्री पाठ के सटीक उच्चारण को सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए तथा वेद मन्दिर के अनवरत प्रयासों से अत्यधिक प्रभावित हुए।

वैदिक संगोष्ठी के रूप में इस वैदिक क्रान्ति के माध्यम से सभी विद्वत जनों ने संस्कृत, संस्कार व संकृति के प्रचार एवं प्रसार के लिए दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के साथ भविष्य में सहयोग की इच्छा व्यक्त की।

संगोष्ठी को समापन की ओर ले जाते हुए, सभी ने वैदिक विरासत और उसके मूल्यों को संरक्षित करने के लिए विश्व भर में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की पहल का अभिवादन किया व अपना पूर्ण समर्थन दिया।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox