गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक व संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 28 मई से 3 जून, 2023 तक संगरूर, पंजाब में सात दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में श्री राम की दिव्य लीलाओं को सुनने व श्री राम का आशीर्वाद लेने के लिए दूर और निकट क्षेत्रों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। श्री आशुतोष महाराज जी की साध्वी शिष्याओं और संतों ने सुमधुर आध्यात्मिक भजनों व रामचरितमानस की संगीतमय चौपाइयों के गायन द्वारा वातावरण को मंत्रमुग्ध कर एक दिव्य आध्यात्मिक आभा का संचार किया।
कथाव्यास साध्वी श्रेया भारती जी ने श्रीरामचरितमानस व अन्य धार्मिक शास्त्रों में छिपे बहुत से दिव्य आध्यात्मिक विषयो पर प्रकाश डाला। वक्ता ने समझाया कि "राम राज्य - आदर्श राज्य" एक कल्पना नहीं है। बल्कि किसी देश/राज्य को कैसा होना चाहिए, यह उसका मानक है। लेकिन यह तभी संभव है जब देश के मुखिया/राजा और उसके निवासी आध्यात्मिक स्तर पर ईश्वर से जुड़े हों, क्योंकि यह उनके आचरण को पूर्ण रूप से नियंत्रित व मर्यादित रखता है। आध्यत्मिकता के बल पर ही श्रीराम - 'आदर्श पुत्र और आदर्श राजा' इन दोनों चरित्रों को सफलतापूर्वक निभा सके। तभी वह इस पृथ्वी पर रामराज्य स्थापित कर इसे एक दिव्य स्थान बना सके। श्री राम ने एक उच्च आदर्शमयी जीवन व्यतीत किया और वर्तमान व भविष्य की पीढ़ियों के लिए मर्यादित भक्तिमय दिव्य मार्ग प्रशस्त किया।
साध्वी जी ने अध्यात्म और श्री राम के आचरण के बारे में आजकल प्रचलित कई मिथकों से भी पर्दा उठाया। श्री राम ने अध्यात्म के उसी दिव्य मार्ग का अनुसरण किया जिसका अनुसरण सभी संतों और भक्तों ने भगवान तक पहुंचने के लिए किया है। वह मार्ग जो सभी के लिए समान है, जहां किसी भी आधार पर मनुष्यों के बीच कोई भेदभाव नहीं है। इस मार्ग का एकमात्र नियम यह है कि व्यक्ति को उस समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की शरण लेनी चाहिए। जो न केवल उसे ब्रह्मज्ञान का दुर्लभतम विज्ञान प्रदान करे, बल्कि जब तक शिष्य अपने लक्ष्य परमात्मा तक नहीं पहुंच जाता तब तक वह निरन्तर उसका मार्ग प्रशस्त करता रहे। साध्वी जी ने आगे कहा कि श्री आशुतोष महाराज जी इस समय के ऐसे ही पूर्ण तत्ववेत्ता सिद्ध सतगुरु हैं, जिन्होंने असंख्य जीवात्माओं को ब्रह्मज्ञान प्रदान कर, इन भक्तों को शांति, शाश्वत सुख और नि:स्वार्थ जीवन जीने की प्रेरणा से पूरित किया है।
कथा व्यास ने यह कहते हुए कथा कार्यक्रम सम्पन्न किया कि डीजेजेएस के दरवाजे ईश्वर के सच्चे जिज्ञासुओं के लिए हमेशा खुले हैं और हमेशा खुले रहेंगे। उपस्थित समस्त भक्तों को पूरी तरह से दिव्यता व राम भक्ति में लीन देखा गया। इस प्रकार कथा ने ब्रह्मज्ञान के माध्यम से आत्म-जागृति का दिव्य संदेश सफलतापूर्वक दिया।