प्रस्तुत है, COVID-19 महामारी के चलते संस्थान द्वारा चलाई गई आध्यात्मिक विचारों की वेबकास्ट श्रृंखला की 67वीं कड़ी की फोटो हाईलाइट्स।
दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पंजाब स्थित नूरमहल आश्रम से प्रसारित यह कार्यक्रम आध्यात्मिक विचारों व भक्तिमय संगीत का एक ऐसा समावेश था जिसने शिष्यों के हृदयों को दिव्यता से परिपूर्ण किया। सत्संग प्रवचनों के माध्यम से साधक समाज के समक्ष भक्ति के ख़ज़ाने का सबसे कीमती रत्न - विरह कि महिमा को रखा गया| क्योंकि गुरु की याद में बहे अश्रु और सही गयी पीड़ा ही शिष्यों के हृदयों को पावन करती है। साथ ही, गुरु और शिष्य के पूर्ण योग में वियोग की अहम भूमिका को भी उजागर किया गया।
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