Read in English

भारतीय नववर्ष के शुभ अवसर को बड़े उत्साह और शुभ संकल्पों के साथ मनाने और हमारे वैदिक इतिहास को गौरवान्वित करने हेतु, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक व संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में 'दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान' द्वारा आध्यात्मिक प्रवचन और आत्म-पोषक मधुर भजनों का एक अनूठा सम्मिश्रण 07 अप्रैल 2024 को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में आयोजित किया गया। 'विकर्म संवत' के दिव्य आगमन पर विधिवत पूजन इत्यादि कर भारतीय नववर्ष को चिन्हित करने हेतु दिल्ली-एनसीआर में स्थित डीजेजेएस के कार्यकर्ता, भक्त और प्रचाराकगण बड़ी संख्या में एकत्रित हुए।

Embracing Tradition and Spiritual Enlightenment: DJJS celebrates Bhartiya Nav Varsh, Vikram Samvat 2081 at Divya Dham Ashram, Delhi

डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने उपस्थित श्रद्धालुओं को हर्षपूर्वक बताया कि भारतीय गणना व सार्वभौमिक पौराणिक कथाओं के अनुसार, 'ब्रह्माजी' ने इस दिन ब्रह्माण्ड का निर्माण आरम्भ किया था, इसलिए इसे नववर्ष के प्रथम दिवस के रूप में स्वीकार किया गया। इसी का अनुसरण करते हुए 2076 वर्ष पूर्व 'महाराजा विक्रमादित्य' ने एक पंचांग (कैलेंडर) की शुरुआत की ताकि आने वाली पीढ़ियां हमारी भारतीय पंचांग प्रणाली से परिचित हो सकें। ‘विक्रम संवत’ एक अद्वितीय आध्यात्मिक महत्व रखता है क्योंकि यह न केवल 'भारतीय नववर्ष' के आरम्भ का प्रतीक है बल्कि इसे नई शुरुआत और दिव्य विकास के शुभ समय के रूप में भी मनाया जाता है। इसे आत्म-चिंतन और आध्यात्मिक लक्ष्यों के नवीनीकरण के अवसर के रूप में भी देखा जाता है।

डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने इस बात पर विशेष प्रकाश डाला कि हमारे 'विक्रम संवत' के अनुसार नववर्ष मनाना कुछ अनुमानों या पूर्वानुमानों पर नहीं बल्कि आध्यात्मिकता और तार्किक विज्ञान के सिद्धांतों पर आधारित है। इसलिए, ब्रह्मांड से आशीर्वाद प्राप्त कर अपने नए साल को सार्थक बनाने के लिए हमें अपने अंतःकरण को ध्यान और निःस्वार्थ सेवा में लगाना चाहिए, जो आंतरिक चेतना के साथ गहरा संबंध बनाने के साथ-साथ पूर्ण गुरु के प्रति भक्ति में भी वृद्धि करता है|

Embracing Tradition and Spiritual Enlightenment: DJJS celebrates Bhartiya Nav Varsh, Vikram Samvat 2081 at Divya Dham Ashram, Delhi

सभी को दिव्य शुभकामनाएं देते हुए, डीजेजेएस प्रतिनिधि ने कहा कि 'विक्रम संवत' को नववर्ष के रूप में अपनाने के महत्त्व और प्रभाव को सम्पूर्ण विश्व में प्रसारित करना आध्यात्मिक रूप से जागृत भक्तों का दायित्त्व है। यह दिवस अध्यात्म-पथ के दृढ साधकों को उनकी आत्माओं को पोषित करने और 'ब्रह्मज्ञान' के सच्चे विज्ञान पर आधारित गहन ध्यान व प्रार्थनापूर्ण भावनाओं को पूर्ण गुरु के चरण कमलों में अर्पित करने की प्रेरणा देता है।

वास्तव में, डीजेजेएस द्वारा आयोजित 'भारतीय नववर्ष महोत्सव’ एक ऐसा मंच बना जिसने उपस्थित सभी लोगों के बीच एकता और सद्भाव की भावना को बढ़ावा दिया। अंत में,  सभी भक्तों ने ध्यान की गहराई में उतरकर अलौकिक शांति व दिव्य आनंद का अनुभव प्राप्त किया।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox