दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन द्वारा गठित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर वैदिक परम्परा की पुनर्स्थापना एवं प्रचार-प्रसार हेतु संलग्न है।
दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा सभी भारतीय पर्वों को विशुद्ध वैदिक तरंगों के समावेश के साथ मनाया जाता है। इन सभी पर्वों में मुकुटमणि पर्व है गुरु पूर्णिमा महोत्सव।
गुरु पूर्णिमा वह दिव्य पर्व है जो गुरु एवं शिष्य के दिव्य सम्बन्ध की प्रगाढ़ता को स्पंदित करता है। गुरु पूर्णिमा पर्व का शुभारम्भ प्रत्येक वर्ष वेदमंत्रोच्चारण द्वारा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के सभी आश्रमों में किया जाता है। इसके निमित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के असंख्य ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी पूर्ण निष्ठा एवं निष्काम भाव से शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी का विशुद्ध उच्चारण करते है।
इस वर्ष भी दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने १३ जुलाई २०२२ को भारत व विदेशों में स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की विभिन्न शाखाओं में वेदमन्त्रों के द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव का शुभारम्भ किया। साथ ही दिल्ली में स्थित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के मुख्यालय द्वारा वृहद् स्तर पर दिव्य धाम आश्रम में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का विलक्षण कार्यक्रम १७ जुलाई २०२२ को आयोजित किया गया।
इसके निमित ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों ने दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के चरणों में वंदन करते हुए और आभार स्वरुप अपनी निष्काम सेवाएँ अर्पित करते हुए शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी का विशुद्ध पाठ किया। तदोपरांत, भजन संकीर्तन व् गुरु महिमा से ओतप्रोत विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा गुरु पूर्णिमा महोत्सव को सभी भक्तों के साथ उत्साह पूर्वक मनाया गया।