शांति व सद्भाव को बढ़ावा देने व अपने विश्व शांति के वैश्विक उद्देश्य की ओर बढ़ते संकल्प के साथ 27 अक्तूबर 2024 को दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा C-3, पटेल नगर 2nd ग़ाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश में एक नई शाखा का उद्घाटन किया गया। इस भव्य उद्घाटन समारोह में आध्यात्मिक विकास व विश्व शांति के उद्देश्य से प्रेरित पूरे क्षेत्र से भक्तों, गणमान्य अतिथियों व आध्यात्मिक जिज्ञासुओं की उपस्थिति दर्ज़ की गई। इस शुभ अवसर पर, दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के प्रति अपार श्रद्धा भाव रखते हुए दिव्यता का आह्वान करने, सकारात्मकता का संचार करने व ब्रह्मज्ञान का प्रसार करने हेतु इस नवीन आध्यात्मिक केंद्र की नींव पवित्र अनुष्ठानों की शृंखला द्वारा रखी गई। यह उद्घाटन समारोह प्राचीन वैदिक अनुष्ठानों, आध्यात्मिक प्रवचनों व भावपूर्ण भजनों का सुंदर सामंजस्य रहा। जिसने प्रत्येक व्यक्ति के भीतर सुषुप्त दिव्यता को जागृत करने के संस्थान के इस दिव्य उद्देश्य को उजागर किया।
समारोह का शुभारंभ परमात्मा का आह्वान व वातावरण की शुद्धि हेतु पारंपरिक ‘हवन यज्ञ’ द्वारा हुआ। जहां यह यज्ञाग्नि अज्ञानता, अहंकार व नकारात्मक प्रवृत्तियों के भस्मिभूत होने का प्रतीक बनी। वहीं, श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठियों द्वारा वैदिक मंत्रोउच्चार ने वायुमंडल में आध्यात्मिकता का प्रसार किया।
संस्थान प्रतिनिधि द्वारा नवीन आश्रम की स्थापना के उद्देश्य और संस्थान की मूल शिक्षाओं व सिद्धान्तों को उजागर करते ज्ञानवर्धक आध्यात्मिक प्रवचन प्रदान किए गए। प्रवचनों से इस बात पर भी प्रकाश डाला कि नया आश्रम जीवन के मूलभूत प्रश्नों के उत्तर चाहने वालों व परमात्मा के साथ संबंध की चाह रखने वालों के लिए प्रकाशस्तम्भ के रूप में कार्य करेगा। आश्रम का उद्देश्य नियमित ध्यान सत्र, आध्यात्मिक प्रवचन व सामाजिक सेवा के माध्यम से व्यक्तियों को आत्म-जाग्रति व आंतरिक परिवर्तन के पथ पर अग्रसर कर उनका मार्गदर्शन करना होगा।
साध्वी जी ने विस्तार से समझाया कि कैसे ‘ब्रह्मज्ञान’ केवल प्राचीन सैद्धांतिक ज्ञान नहीं बल्कि एक व्यावहारिक, अनुभवात्मक ज्ञान है जो जीवन को रूपांतरित करने की क्षमता रखता है। श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रदत यह परिवर्तनकारी ज्ञान हर मनुष्य के भीतर छिपी क्षमता को जागृत कर उसे आत्म-साक्षात्कार व आध्यात्मिक प्रबुद्धता की ओर प्रेरित करता है। आत्म-खोज व अंतर जाग्रति की यात्रा के जिज्ञासुओं के लिए आश्रम एक केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
कार्यक्रम के अंत में संस्थान प्रतिनिधि ने समझाया कि विश्व में शांति तभी स्थापित हो सकती है जब प्रत्येक व्यक्ति अपने भीतर शांति प्राप्त करेगा। कार्यक्रम में विश्व शांति हेतु आयोजित सामूहिक ध्यान सत्र में उपस्थित सभी लोगों ने भाग लिया। सामूहिक भोज के साथ समारोह को संपन्न किया गया। जहाँ सभी भक्तजनों ने प्रेमपूर्वक व श्रद्धाभाव से प्रसाद ग्रहण किया।