दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 14 अक्टूबर 2018 को लंदन, यूनाइटेड किंगडम में माता की चौकी का आयोजन किया गया। सुमधुर भजनों की श्रृंखला ने वातावरण को दिव्यता से ओत-प्रोत कर दिया।
सर्वश्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या, साध्वी भक्तिप्रिया भारती जी ने बताया कि माँ दुर्गा शक्ति का अवतार हैं तथा माँ भगवती की पूजा उनके सौहार्दपूर्ण व असुरनिकंदन दोनों पहलुओं के लिए की जाती है। उन्होंने महिषासुर का वध कर मानव जाति की रक्षा की। जब आसुरी शक्तियाँ असंतुलन उत्पन्न करती हैं तो सभी देव संगठित होकर एक दिव्य शक्ति का रूप धरते हैं जिसे माँ दुर्गा या आदिशक्ति कहकर संबोधित किया जाता है। भगवती दुर्गा से सम्बंधित कथाओं में नारीत्व के सशक्त व अधर्मियों को भयाक्रांत करने वाले पक्ष का प्रस्तुतिकरण स्पष्ट दिखाई देता है। माँ आदिशक्ति भक्तों और भगवान के बीच सेतु हैं और अपने सभी शिष्यों पर मातृवत स्नेह की वर्षा करते हुए उन्हें हर बुराई से बचाती हैं। देवी दुर्गा की दुनिया भर में विभिन्न रूपों में पूजा की जाती है तथा ये पूजा पद्धतियाँ मोक्ष और बलिदान के सार को इंगित करती हैं।
साध्वी जी ने उपस्थित जनमानस को अपने भीतर छिपी शक्तियों व ऊर्जा को ब्रह्मज्ञान के दिव्य प्रकाश द्वारा जागृत करने हेतु प्रेरित किया। आध्यात्मिक तकनीक एक समग्र पोषणकर्ता है, जो शान्ति व करुणा के साथ विभिन्न भूमिकाओं व कर्तव्यों को निभाने के लिए बल, एकाग्रता और दृढ़ता प्रदान करती है। आत्मा स्वभाव से ही स्वतंत्र है, उसे बाँधा नहीं जा सकता। अज्ञानता व मानसिक भ्रमों के कारण ही हमें बंधन महसूस होते हैं। समय के पूर्ण सद्गुरु द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान तकनीक अज्ञान के बन्धनों में बद्ध लोगों को जागृत कर उन्हें अज्ञानता से जागरण की ओर ले जाती है। आतंरिक क्षमताओं के जागरण द्वारा सर्वोच्च दैवीय चेतना से जुड़कर मानव को असीमित शक्ति, सकारात्मकता, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
इस आध्यात्मिक सत्र का उद्देश्य जनमानस को सर्वोच्च चेतना के मार्ग पर प्रशस्त करना था। दिव्यता से भरे भक्ति-संगीत ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया तथा उनके भीतर मौजूद वास्तविक शक्ति को देखने हेतु प्रोत्साहित किया। भक्ति व शक्ति के सुमेल से भरे प्रेरणास्पद विचारों को श्रद्धालुओं ने भरपूर सराहा।