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ईश्वर पिपासुओं एवं भक्तों को दिव्यता और सकारात्मकता से ओतप्रोत करने के लिए डीजेजेएस द्वारा 1 मई, 2022 को दिव्य धाम आश्रम, दिल्ली में मासिक आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जहाँ श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक विकास के लिए मार्गदर्शन मिला। हजारों की संख्या में श्रद्धालुगण कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित हुए। भक्तिपूर्ण दिव्य भजनों ने प्रत्येक भक्त हृदय में सर्वोच्च ऊर्जा को प्रसारित किया।

Monthly Spiritual Congregation at Divya Dham Ashram, Delhi Cultivated the Seeds of Positivity & Devotion amongst the Devotees

श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान) के विद्वत शिष्यों ने विचारों के माध्यम से बताया कि आज लगभग सभी के जीवन में किसी न किसी तरह का तनाव है। असफल होने का डर चेतन मन में नकारात्मक विचारों को जन्म देता है, जिन्हें समाप्त करना इतना सहज नहीं होता। कई बार तो प्रचुर संपत्ति और संबंधों के बावजूद, व्यक्ति जीवन में एक अजीब तरह का खालीपन महसूस करता है। ऐसे क्षणों में, उसका मन एक अज्ञात स्रोत द्वारा जीवन की पूर्णता को खोजना आरम्भ करता है। यह वह क्षण है जब वह ईश्वर की ओर मुड़ता है, और उसके हृदय की गहराई से प्रार्थना के स्वर निकलते हैं। तब भगवान, गुरु रूप में प्रकट हो भक्त के जीवन में प्रवेश करते हैं ताकि उसे सत्य का आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करें,  जो शाश्वत आनंद का स्रोत है। परमात्मा और आत्मा भिन्न नहीं है, हम उसी के अंश है। इसलिए जब हम अपने आपको जान लेते हैं, तो भगवान को भी जान पाते हैं।

इस ज्ञान को प्राप्त कर भक्त ध्यान के द्वारा भीतर की ओर मुड़ने में सक्षम होता है। वह अपने भीतर की दुनिया में जितना गहरा गोता लगाता है, उसके विचार उतने ही शुद्ध होते जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक वह तनाव और नकारात्मकता से पूरी तरह मुक्त नहीं हो जाता। इस प्रकार, गुरुदेव की दिव्य कृपा से भक्त का मन शुद्ध होता है। जब हमारी चेतना ईश्वर की और मुड़ जाती है, तब हमें कोई भय नहीं रहता, तब साहस और विश्वास से हर बाधा दूर हो जाती है।

Monthly Spiritual Congregation at Divya Dham Ashram, Delhi Cultivated the Seeds of Positivity & Devotion amongst the Devotees

संत समाज ने विचारों के माध्यम से आग्रह किया कि हम कितने भी व्यस्त क्यों न हों, हमें ध्यान के द्वारा ईश्वरीय चेतना, शाश्वत आनंद में गोता लगा अपनी सभी चिंताओं को दूर करना चाहिए। ध्यान से अर्जित शक्ति ही हमें एक नायक के रूप में जीवन के हर युद्ध में किसी भी परिस्थिति से संघर्ष के लिए प्रोत्साहित करती है। गुरुदेव की कृपा से सामूहिक ध्यान के साथ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हुआ। भक्तों ने अपने हृदयों को दृढ़ संकल्प एवं पूर्ण समर्पण की नवीन उर्जा  से भरकर अपने घरों को प्रस्थान किया।

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