संस्कारशाला- दिव्य ज्योति जाग्रति संस्ठान द्वारा संचालित मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा 4 से 12 वर्ष के बच्चों के लिए चलाई जा रही विशिष्ट कार्यशाला है।
जुलाई मास की संस्कारशाला का विषय था ‘नैतिक’ संस्कारशाला। इन कार्यशालाओं के माध्यम से, मंथन सम्पूर्ण विकास केन्द्र, बच्चों में मूल्यों को स्थापित कर रहा है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो सके तथा वे समाज की सुदृढ़ नींव बन सकें। जुलाई मास में मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र ने कुल 31 नैतिक संस्कारशालाओं का आयोजन भारत व विदेशों में किया जिसके अंतर्गत लगभग एक हज़ार बच्चों ने भाग लिया।
नैतिक संस्कारशालाओं का आयोजन दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में देश-विदेशों में हुआ। इस कार्यशाला में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक जनों ने विभिन्न रोचक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों को जीवन में नैतिक मूल्यों की अनिवार्यता से अवगत करवाया।
बच्चों ने वैदिक मन्त्र, संस्कृत श्लोक इत्यादि सीखे एवं उपनिषदिक कथानकों के द्वारा नैतिक मूल्य व संस्कारों को भी ग्रहण किया। बच्चों ने सभी गतिविधियों में न केवल भाग लिया अपितु अपने जीवन को मूल्यों से युक्त करने हेतु संकल्प भी लिए।
भारत के विभिन्न राज्य जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, राजस्थान, ओडिशा, कर्नाटक, महाराष्ट्र व गुजरात सहित ब्रिटेन के शहरों में भी नैतिक संस्कारशालाओं का आयोजन मंथन- सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा किया गया।
बच्चे इन सभी कार्यशालाओं में प्रसन्नता से भाग लेते है और आगामी संस्कारशालाओं के लिए उत्सुक भी रहते है।