वैदिक संस्कृति के प्रसार –प्रसार में संस्कृत भाषा का सही ज्ञान होना अत्यंत महत्वपूर्ण है | वैदिक संस्कृत की प्राण है संस्कृत भाषा, यह प्राण वायु गतिशील रहे इसलिए दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा संस्कृत भाषा की शिक्षण – प्रशिक्षण कक्षाएँ नियमित रूप से चलायी जाती है ।
इसी कड़ी में वर्तमान वैश्विक महामारी COVID-19 के दौरान भी दिव्य ज्योति वेद मंदिर की ओर से 6 जून 2020 से संस्कृत व्याकरण तथा श्लोकाभ्यास की विशिष्ट ऑनलाइन कक्षाएँ चलायी जा रही है । यह कक्षा संस्कृत भारती के दिल्ली प्रान्त के शिक्षा प्रमुख डॉ.विजय सिंह द्वारा विशेष रूप से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के मंथन प्रकल्प के कार्यकर्ताओं के लिए प्रारंभ की गई है ।
इस कक्षा में संस्कृत व्याकरण के आधारभूत नियमों, जैसे सन्धि विच्छेद, समास आदि संस्कृत व्याकरण विषयों को विस्तृत रूप से सिखाया जा रहा है । इसके अतिरिक्त गीता व अन्य शास्त्रों के प्रमुख श्लोकों को भी व्याकरण दृष्टिकोण से कक्षा में समझाया जा रहा है । यह कक्षाएं सप्ताह में २ बार नियोजित की गयी हैं | विद्यार्थियों को समुचित गृहकार्य भी दिए जाते हैं जिनमें प्रमुखतः कक्षा में पढ़ाये गए विविध विषयों पर अपने अवलोकन आधारित अधिगम द्वारा नोट्स तैयार करने के उपरांत, अग्रिम कक्षा में पुनः चर्चा भी की जाति है ।
इन सभी उपागमों ने सभी कार्यकर्ताओं को संस्कृत भाषा में दक्षता का सुनहरा अवसर दिया है जिसके फलस्वरूप भाषायी दक्षता के साथ – साथ शास्त्रों के उन्नत संदेशों को भी आत्मसात करने का अवसर मिल सकेगा | अतः वैश्विक महामारी covid -19 में lockdown के चलते समय का सदुपयोग और अपनी महान सांस्कृतिक विरासत को समझने का यह सुनहरा अवसर है जिसका लाभ सभी विद्यार्थी गन पूर्ण रूप से उठा रहे हैं|