Read in English

भारतीय विचारधाराएँ और परम्पराएँ यदि ठीक रूप से समझी जाएं तो वे मनुष्य की समस्त समस्याओं को सुलझाने में अधिक आधुनिक और अधिक व्यावहारिक सिद्ध हो सकती हैं। सांस्कृतिक पुनरुत्थान के लिए सबसे पहले हमें यह करना होगा कि इसके प्राण अर्थात् संस्कृत भाषा के विशुद्ध रूप को, जो आज तमसाच्छन्न हो रहा है, लोगों के सामने परिष्कृत रूप में उपस्थित करना होगा और यह बताना होगा कि इसकी महत्ता को समझना  हमारे लिए हर दृष्टि से कितना लाभदायक साबित हो सकता है। इसी उद्देश्य के साथ सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के पावन मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति वेद मंदिर की स्थापना की गई जिसके अंतर्गत देशभर में संस्कृत भाषा की शिक्षण–प्रशिक्षण कक्षाएँ नियमित रूप से चलाई जा रही हैं। इसी कड़ी में गत वर्ष के जून माह में ऑनलाइन "संस्कृत व्याकरण एवं संभाषण" कक्षाएं शुरु की गई। इन कक्षाओं में विद्यार्थियों को सरल और रोचक तरीके से संस्कृत भाषा का ज्ञान कराया गया और साथ ही इसके आध्यात्मिक और वैज्ञानिक पहलुओं को भी उजागर किया गया। इन कक्षाओं को अंतिम चरण तक पहुँचाते हुए 3 जनवरी 2021 को दीक्षांत समारोह का ऑनलाइन आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय से सुब्रत षडंगी जी उपस्थित थे।

Sanskrit (Spoken and Grammar) course Convocation Ceremony organised by Divya Jyoti Ved Mandir

कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूस्तोत्रम् के मधुर गायन के साथ किया गया, जिसके बाद दिव्य ज्योति वेद मंदीर के प्रचारक पण्डित गणेश जी ने अतिथियों का हार्दिक स्वागत किया और उन्हें संस्थान द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम और गत वर्षों की सफलताओं से अवगत कराया। इस सुअवसर पर उपस्थित छात्रों ने संस्कृत में अलग-अलग प्रस्तुतियाँ पेश की, जिसमें 'गुरु अष्टकम' स्तुति कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण रही। इसके अतिरिक्त संस्कृत में सरस गायन की शृंखला, लघु कथा और 'संस्कृत का महत्व' विषय पर ज्ञानवर्धक विचार भी  प्रस्तुत किए गए जिन्हें अतिथिगणों ने खूब सराहा। अतिथियों ने संस्कृत की महिमा में कुछ प्रेरणादायक विचारों को प्रदान करते हुए सभी के साथ संस्कृत के क्षेत्र में अपने अनुभव साझा किये और गौरवशाली भारत की जगद्गुरु पदवी को लौटाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। 

अंत में अतिथियों को इस हर्ष के अवसर पर उपस्थित रहने  के लिए उनका  धन्यवाद किया गया तथा लाभार्थियों ने दिव्य ज्योति वेद मंदिर के  शिक्षकों का उनके अतुलनीय समय एवं शिक्षण के लिए आभार जताते हुए संस्कृत में शांति पाठ के उच्चारण के साथ सत्र का समापन किया।

Sanskrit (Spoken and Grammar) course Convocation Ceremony organised by Divya Jyoti Ved Mandir

#divyajyotivedmandir  #vedicwisdom  #ancientknowledge #sanskrit #decodingourscriptures #djjs #decodingsanskrit #sanskritresearch #vedpaath #revivalofancientknowledge

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox