दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मन्दिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है। वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेदमंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को जन-प्रचलित करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मन्दिर देश भर में कार्यरत है। दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा समय समय पर ऑनलाइन शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन होता रहता है जिसकी श्रृंखला में 23 व 24 जुलाई शाम 8 बजे ऑनलाइन माध्यम से शिक्षक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें दिव्य ज्योति वेद मन्दिर में शिक्षक/सह-शिक्षक व अन्य रूप में अपनी सेवा देने वाले लगभग 100 सेवादारों/कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
संगोष्ठी के मुख्य आकर्षण थे आगामी शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी के पुनरावृत्ति कक्षाओं के लिए सभी की सेवाओं को सुनिश्चित करना व कक्षाओं को सुचारू रूप से चलाने के लिए दिशा-निर्देश देना। संगोष्ठी में अगस्त में होने वाली तृतीयांश बैच की परीक्षा के विषय में भी सूचना दी गई व परीक्षा में लगने वाली सेवाओं को सुनिश्चित किया गया। मुख्यालय द्वारा आगामी कक्षाओं के पाठ्यक्रम व माॅड्यूल को प्रस्तुत किया गया व मुख्य बिंदुओं को समझाया गया। दिशा-निर्देश देने के साथ-साथ कक्षा में किस प्रकार अभ्यास करवाया जाना है यह भी सिखाया गया व इसका अभ्यास करवाया गया। दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के सोशल मीडिया हैंडल से जुड़कर किस प्रकार इसकी गतिविधियों से जुड़ा जा सकता है व दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड हुए रुद्राष्टाध्यायी के ऑडियो-विजुअल से किस प्रकार वेद मंत्रों के शुद्ध उच्चारण का अभ्यास करना है इसके विषय में विस्तार से बताया गया।
इसी के निमित्त साध्वी दीपा भारती जी द्वारा कक्षा संबंधी व पाठ्यक्रम संबंधी पुछे गए प्रश्नों का निवारण किया गया व गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा से सेवादारों/कार्यकर्ताओं को हुई दिव्य अनुभूतियों व प्रेरणाओं को सबके साथ साँझा किया गया व अंत में शांति मंत्र के साथ संगोष्ठी का समापन किया गया।