दिव्य ज्योति वेद मन्दिर ने ५ जनवरी २०२४ को ग्राम जमुनीकला, श्रावस्ती, उत्तर प्रदेश एवं ८ जनवरी २०२४ को ग्राम बकरोर, बोधगया, बिहार में अपनी पहली ऑफ़लाइन अलङ्कृता कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें ४ से १२ साल के लगभग १०० बच्चों ने भाग लिया। इस विशेष कार्यशाला का आयोजन भगवान् श्री राम के दिव्य जीवन चरित्रों पर केन्द्रित रहा|
अलङ्कृता कार्यशाला की गतिविधियां प्रभु श्री राम के जीवन पर केन्द्रित थीं, जिन्होंने मानव समाज को अनुकरणीय मूल्यों और गुणों से अनुप्राणित किया।
टङ्ग ट्विस्टर्स एवं रोचक गतिविधियों द्वारा बच्चों ने भगवान् श्री राम के जीवन से सम्बन्धित दृष्टान्तों के मर्म को जाना। बच्चों को कहानी सत्र में एक सेतु बंधन के दृष्टांत द्वारा छोटी सी गिलहरी की प्रेरक कहानी सुनाई गई जिससे उन्होंने भगवान के प्रति अटूट भक्ति और निस्वार्थ सेवा के विषय में जाना| इससे सीख लेते हुए प्रत्येक छोटी से छोटी वस्तु से प्रेरणा लेने के गुण को बच्चों ने आत्मसात किया |
अलङ्कृता कार्यशाला ने मूल्य, संस्कार एवं दिव्य भक्ति-प्रेरणाओं को सफलतापूर्वक बच्चों के समक्ष संप्रेषित किया। इस अद्भुत पहल से दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा अति-पिछड़े ग्रामीण क्षेत्रों में भी श्री राम मन्दिर के भव्य उद्घाटन के उत्सव का आनन्द मनाया गया व भावी पीढ़ी में श्री राम के आदर्श एवं शाश्वत मूल्यों को स्थापित करने के उत्कृष्ट प्रयास को मुखर किया गया।