गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 4 से 8 अप्रैल 2023 तक जालंधर, पंजाब में पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास साध्वी जयंती भारती जी ने भगवान राम की लीलाओं का विस्तारपूर्वक विवरण किया।

कथा व्यास जी ने समझाया कि कैसे भगवान राम के अवतरण से धरा पर सत्य व धर्म पथ की पुनः स्थापना हुई। श्री राम न्याय के प्रतीक हैं जिन्होंने जीवन की विषम परिस्थितियों के मध्य अपने राज्य-काल में एकता, शांति, स्थिरता व सत्यता को स्थापित किया। साध्वी जी ने रामायण में वर्णित ‘राम राज्य’ के स्वर्णिम युग से संबंधित दृष्टांतों में निहित उन दिव्य संदेशों को उजागर किया जो एक भक्त के जीवन को रूपांतरित करने की क्षमता रखते हैं।
आज के तकनीकी युग में, जहाँ व्यक्ति अपने लिए उपयुक्त चुनाव नहीं कर पाता, वहीं उसका अज्ञानी मन उसे मानव (ईश्वर की सर्वोच्च कृति) जन्म के महत्त्व को समझने नहीं देता। परिणामस्वरूप उसका हृदय शुष्क व आत्मा विह्वल हो उठती है। ऐसी परिस्थिति में श्री राम कथा जैसे कार्यक्रम जनमानस को ‘भक्ति’ के वास्तविक सार से परिचित करवा उन्हें इस वास्तविकता से जागरूक करवाते हैं कि ‘विश्व शांति’ तभी संभव हो सकती है जब प्रत्येक मानव का मन शांत होगा। मानव मन के परिवर्तन से ही आंतरिक शांति का प्रारंभ होता है, जिसे उस अंतर्निहित ‘परम दिव्य शक्ति’ से जुड़कर ही प्राप्त किया जा सकता है। कथा में प्रस्तुत प्रेरणादायक प्रवचनों सहित सुंदर व मधुर भजनों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

साध्वी जी ने ज्ञान के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दिव्य ज्ञान द्वारा ही हमारी आध्यात्मिक यात्रा प्रारंभ होती है, जिसे केवल एक पूर्ण सतगुरु ही प्रदान कर सकते हैं। दिव्य ज्ञान हमें जीवन-मृत्यु के आवागमन से मुक्ति व मोक्ष प्राप्ति में सहायता करता है। इसी ज्ञान को आज ‘सर्व श्री आशुतोष महाराज जी’ ‘ब्रह्मज्ञान’ के रूप में प्रदान कर रहें हैं। वे ब्रह्मज्ञान के माध्यम से असंख्य लोगों के जीवन को पूर्ण रूप से परिवर्तित कर रहे हैं। अंत में साध्वी जी ने सभी का आह्वान करते हुए कहा कि ज्ञान के जिज्ञासुओं के लिए डीजेजेएस के द्वार सदा खुले हैं।
पाँच दिवसीय श्री राम कथा के इस कार्यक्रम में भक्तजनों व गण माननीय अतिथियों की भारी संख्या में उपस्थिति देखी गई। एक सुंदर समाज के निर्माण हेतु डीजेजेएस के अथक प्रयासों को उपस्थित सभी श्रोताओं ने सराहा और मानव से महामानव बनने की यात्रा के संदेश ने सभी हृदयों पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।