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दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डी.जे.जे.एस) द्वारा गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में 22 से 28 जनवरी 2024 तक मुंबई, महाराष्ट्र में श्री राम कथा का आयोजन किया गया। डी.जे.जे.एस प्रतिनिधि एवं कथावाचिका साध्वी श्रेया भारती जी ने भगवान श्री राम की प्रेरणादायी जीवन यात्रा के बारे में बताया एवं उनके जीवन की अनुकरणीय प्रेरणाओं का व्याख्यान किया। सामाजिक संतुलन स्थापित करते हुए कैसे आत्म-विकास, धर्म, और भक्ति का मार्ग प्रशस्त किया जा सकता है, इन सभी तथ्यों पर साध्वी जी ने प्रकाश डाला।

Shri Ram Katha at Mumbai, Maharashtra explained the necessity of overall spiritual & social reformation

कथा का प्रारम्भ प्रार्थना एवं भगवान श्री राम के पवित्र चरणों में श्रद्धा पुष्प अर्पित करके किया गया जिसके बाद मंत्रों और मधुर भजनों ने दिव्यता का माहौल बनाया जिसमें मानव और सर्वोच्च अस्तित्व के बीच संबंध और गहरे प्रेम को सुदृढ किया गया। कथा व्यास जी ने प्रभु श्री राम के जीवन से विभिन्न उदाहरण प्रदान करते हुए बताया कि सत्य की पुन: स्थापना के उद्देश्य से धरती पर प्रभु श्री राम का आगमन हुआ था। श्री राम की हर लीला के विभिन्न प्रयोजन और अर्थ रहे हैं।

उन्होंने विश्व में व्याप्त नकारात्मकता को कम करने, न्याय स्थापित करने और सभी के बीच अखंडता लाने के लिए मानव वेश धारण किया। हजारों साल बीत जाने के बाद भी उनका जीवन एक मार्गदर्शक का काम करता है कि कैसे किसी को जीवन जीना चाहिए। उनका मर्यादित जीवन और राम राज्य के रूप में उनका शासन ही है जिसकी आकांक्षा आज हम रखते हैं।

Shri Ram Katha at Mumbai, Maharashtra explained the necessity of overall spiritual & social reformation

साध्वी जी ने श्रोताओं से आग्रह किया कि वे भगवान श्री राम के जीवन को एक कहानी के रूप में सुनने तक सीमित न रहे, बल्कि इसे अपने जीवन में ढालने का प्रयास करें। उन्होंने बताया कि पुरातन दिव्य ज्ञान 'ब्रह्मज्ञान' को प्राप्त करके प्रभु श्री राम के गुणों को आत्मसात करना संभव है परन्तु केवल एक पूर्ण गुरु द्वारा ही मनुष्य को इस दिव्य ज्ञान से दीक्षित किया जा सकता है। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी वर्तमान समय में ऐसे ही एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु हैं, क्योंकि ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्रदान करते हुए वे परमात्मा की प्रत्यक्ष अनुभूति प्रदान करते हैं।

7 दिन के आयोजन को मधुर भजनों एवं प्रेरणादायक विचारों से ओर भी समृद्ध किया गया जिसने जनमानस को भौतिकवादी दुनिया से हटाकर प्रभु भक्ति की ओर अग्रसर होने के लिए रामबाण का काम किया। कथा के दौरान जनसमूह द्वारा स्वस्थ समाज की दिशा में योगदान करने का संकल्प लिया गया जिसमें समाज को बदलने के साथ साथ स्वयं के तन, मन और आत्मा को स्वस्थ करना भी शामिल था।

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