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5 से 11 जनवरी 2023 तक दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा लातूर, महाराष्ट्र में आध्यात्मिक तथ्यों से परिपूर्ण श्री राम कथा का आयोजन किया गया। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में कथा वक्ता के रूप में साध्वी श्रेया भारती जी ने सरस कथा का वाचन किया। इस भव्य श्री राम कथा के सात दिवसीय आयोजन में लातूर क्षेत्र से विशाल श्रोताओं की उपस्थिति दर्ज़ की गई।

Shri Ram Katha by DJJS at Latur, Maharashtra, inspired people to lead an ethical & exemplary life

साध्वी जी ने अपने दिव्य विचारों में समझाया कि आज के इस दूषित परिवेश में भी कैसे और क्यों श्री राम हमें एक नैतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम यूं तो साक्षात श्री हरि के ही मानव रूप धारी अवतार थे लेकिन यही एकमात्र कारण नहीं था कि उन्होंने एक पुण्यमयी, दिव्य व आदर्श जीवन जिया। बल्कि उन्होंने सम्पूर्ण मानवजाति को यह संदेश प्रसारित किया कि प्रत्येक मानव भी ऐसा जीवन जी सकता है। श्री राम का पूरा जीवन मानव व मानवीयता के उत्थान के लिए समर्पित रहा। श्री राम की एक प्रमुख विशेषता यह रही कि किसी भी स्थिति परिस्थिति में उनके सभी कार्य आस्था, साहस और धार्मिकता से ओतप्रोत रहे। उनकी कथनी और करनी में कोई भेद नहीं था। उनके कार्य हमेशा समाज के लिए हितकर व अनुकरणीय सिद्ध हुए।

दूसरी ओर, यदि हम स्वयं को देखें तो क्या हममें श्री राम समान साहस और सदाचार का पालन दिखाई देता है? साध्वी जी ने इस प्रश्न का सटीक उत्तर देते हुए कहा कि आज श्रीराम के चरित्र की बातें तो सब करते और सुनाते हैं लेकिन आदर्शमयी मानव आज खोजने से भी नहीं मिलते। कारण? ऐसा इसलिए क्योंकि श्रीराम के पास जो महान आध्यात्मिक सनातन ज्ञान था आज इंसान में उसी की कमी है। श्रीराम का उस परम चेतना से निरंतर संबंध था। ईश्वरीय अवतार होने के पश्चात भी समाज के लिए एक दिव्य प्रेरणा के स्वरूप में श्रीराम ने ब्रह्मज्ञान नामक दिव्य ज्ञान की प्राचीन भारतीय परंपरा को महत्व दिया। प्रभु की दिव्य लीला स्वरुप ऋषि वशिष्ठ ने श्रीराम को ब्रह्मज्ञान के दिव्य विज्ञान में दीक्षित किया। जिससे श्री राम ने यह दर्शाया कि आज का प्रत्येक व्यक्ति भी दिव्य शक्ति के स्रोत से जुड़े रहने में सक्षम व समर्थवान है।

Shri Ram Katha by DJJS at Latur, Maharashtra, inspired people to lead an ethical & exemplary life

साध्वी जी ने कथा का समापन करते हुए कहा कि विश्व को इस समय सदाचारी व आदर्शमयी लोगों की पहले से भी कहीं अधिक आवश्यकता है। इसके लिए ज़रूरत है कि हर मानव के पास वह दिव्य ज्ञान हो। हम सभी ईश्वरीय ज्ञान प्राप्त कर सकते हैं, बशर्ते हमें ऋषि वशिष्ठ जैसा सच्चा आध्यात्मिक गुरु मिल जाए क्योंकि केवल एक पूर्ण आध्यात्मिक गुरु ही भीतर की आंख खोल सकता है और हमें ईश्वर से जोड़ सकता है। समाज में पूर्ण संत ब्रह्मज्ञान को आज भी जीवित रखे हुए हैं। इसके लिए कोई भी डीजेजेएस के साथ अपनी आंतरिक यात्रा शुरू कर सकता है। श्री आशुतोष महाराज जी आधुनिक समय के ऐसे ही सच्चे व पूर्ण आध्यात्मिक गुरु हैं। जिन्होंने आज लाखों लोगों के जीवन को आध्यात्मिक रूप से परिवर्तित कर दिखाया है। अंत में साध्वी जी ने उपस्थित सभी भक्तों का आहवान करते हुए कहा कि डीजेजेएस के दरवाजे सभी के लिए खुले हैं। साथ ही, उन्होंने दुनिया को शांतिपूर्ण बनाने के लिए श्रोताओं से सार्वभौमिक चेतना के साथ आध्यात्मिक रूप से जुड़ने का आग्रह भी किया। शांतमय विश्व की स्थापना के लिए डीजेजेएस के प्रयासों की सभी ने खूब सराहना की।

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