Read in English

श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 3 से 7 नवंबर 2022 तक नवांशहर, पंजाब में पाँच दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया। श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी रूपेश्वरी भारती जी ने प्रभु श्री राम के सिद्धांतों व उनकी लीलाओं का सुंदर विवरण प्रस्तुत किया।

Shri Ram Katha instilled the values of Ram Rajya, enabling the divine vision for todays world in Nawanshahr, Punjab

श्री रामचरितमानस में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को उजागर करते हुए साध्वी जी ने समझाया कि श्री राम का जीवन धर्म, समर्पण व दृढ़ संकल्प को दर्शाता है और हमें सत्य, मानवीयता व आध्यात्मिकता से परिपूर्ण जीवन जीने की प्रेरणा देता है। विनम्रता व मर्यादा के अवतार प्रभु श्री राम ने अपने जीवन की प्रत्येक भूमिका को आदर्श-पूर्णता से निभाया। श्री राम एक आज्ञाकारी पुत्र, विश्वसनीय मित्र, निष्ठावान पति और समर्पित राजा थे, जिन्होंने सदैव धर्म का पक्ष लिया। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करते हुए भी उनका धैर्य व संयम अभिन्न रहा। साध्वी जी ने विस्तारपूर्वक समझाया कि भगवान राम के द्वारा किया गया प्रत्येक कर्म धर्मानुकूल था इसलिए उन्हें राइट एक्शन मैन के नाम से भी जाना जाता है।

त्रेता युग में दर्शाये उनके आदर्श व सिद्धांत वर्तमान समय में भी प्रासंगिक हैं। कलियुग में, जहाँ प्रत्येक व्यक्ति विकारों के आंतरिक युद्ध से जूझ रहा है- अंतःकरण में राम राज्य का स्थापित होना अवश्यंभावी हो गया है। राम राज्य सभी शुभ गुणों से सुशोभित एक आदर्श समाज का प्रतीक है। राम राज्य शांति, दिव्यता, समृद्धि, प्रगति, न्याय और समता के आदर्शों पर आधारित था, जो वर्तमान समाज के लिए अकल्पनीय हैं। परन्तु एक व्यक्ति पूर्ण सतगुरु की कृपा द्वारा अपने अंतःकरण में राम राज्य स्थापित कर इन सभी आदर्शों को जीवन में अनुभव कर सकता है। साध्वी जी ने समझाया कि जब पूर्ण सतगुरु ब्रह्मज्ञान- आत्म साक्षात्कार का शाश्वत विज्ञान प्रदान करते हैं, तो व्यक्ति अपने भीतर ईश्वर का दर्शन करता है। ईश्वर की अनुभूति ही हमारे जीवन में शांति व आनंद स्थापित करने का एकमात्र उपाय है।

Shri Ram Katha instilled the values of Ram Rajya, enabling the divine vision for todays world in Nawanshahr, Punjab

कथा के माध्यम से उपस्थित असंख्य श्रद्धालुओं ने भगवान की लीलाओं में निहित आध्यात्मिक रहस्यों को जाना। श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों द्वारा प्रस्तुत भावपूर्ण भजनों ने दिव्यता का प्रसार कर सभी को मंत्र मुग्ध कर दिया। कथा का समापन साध्वी बहनों व भक्तों द्वारा किए गए हवन के साथ हुआ।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox