प्रभु श्री राम, सद्चरित्र एवं आदर्श की प्रतिमूर्ति हैं। उन्होंने धरा पर एक आदर्श भाई, पुत्र, पति ,पिता, राजा एवं योद्धा का चरित्र प्रस्तुत किया। अपने चरित्र के माध्यम से उन्होंने हमें सन्देश दिया कि किस प्रकार विपरीत परिस्थितियों में भी स्वयं को शांत रख, सभी आसक्तियों से विरक्त रहते हुए भी सम्बन्धों में सामंजस्य स्थापित किया जा सकता है।
आज इस तेज़ी से भागती दुनिया में, स्वयं को ढ़ालते हुए हम अपने जीवन का मूल उद्देश्य भूल चुके हैं। आज सफलता को बुद्धि, कुशलता, महारत, शारीरिक सौंदर्य, प्रसिद्धि एवं धन जैसे मापदंडों में तोला जाता है। प्रभु श्री राम का चरित्र सम्पूर्ण मानव जाति के लिए एक आदर्श है। उनके जीवनदर्शन से यह स्पष्ट है कि भौतिकता से परे जीवन में उस परमानंद की प्राप्ति ही वास्तविक सफलता है। ईश्वर से जुड़ने के बाद ही मनुष्य आत्मिक शांति की ओर अग्रसर होता है और यही आत्मिक परिवर्तन धीरे धीरे सामाजिक परिवर्तन का कारण बनता है। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, मानव समाज में आत्मिक जाग्रति के माध्यम से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने हेतु कार्यशील है।
श्री राम कथा, एक बहुत ही सुन्दर माध्यम है प्रभु के दिव्य संदेशों एवं आदर्शों को जान उन्हें अपने जीवन में धारण करने का। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की कृपा हस्त तले पंजाब के सरहिंद में श्री अमरनाथ बर्फ़ानी सेवा दल द्वारा दिनांक 26 अगस्त से 3 सितम्बर तक,नौ दिवसीय श्री राम कथा का आयोजन किया गया जहाँ साध्वी सुमेधा भारती जी ने श्रीराम के जीवन चरित्र एवं आदर्शों को बहुत ही सुन्दर तरीके से सबके समक्ष प्रस्तुत किया। उन्होंने प्रभु की दिव्य लीलाओं एवं चौपाइयों के वास्तविक एवं गूढ़ अर्थों को समझाया। एक आदर्श एवं उच्च जीवन जीने के लिए ब्रह्मज्ञान का मानव जीवन में विशेष महत्त्व है।
साध्वी जी ने बताया की एक पूर्ण गुरु की कृपा से ही मनुष्य ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर सकता है एवं उसके पश्चात ही वह प्रभु की प्रत्येक लीला के पीछे छिपे आध्यात्मिक एवं गूढ़ रहस्यों को समझ आत्मिक उन्नति की ओर अग्रसर हो पाता है। भक्ति एवं आध्यात्मिकता कोई एक बार की सिद्धि नहीं अपितु यह तो एक जीवन शैली है। प्रभु के दिव्य संदेशों एवं भक्ति से ओतप्रोत इस कथा का सभी ने पूर्ण लाभ उठाया।