परम पूज्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक व संचालक, डीजेजेएस) के दिव्य मार्गदर्शन में श्री राम की दिव्य विचारधाराओं और हमारी प्राचीन विरासत को उजागर करने के लिए, श्री राम कथा का भव्य व विशाल कार्यक्रम दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा प्रीत विहार, नई दिल्ली में आयोजित किया गया। 25 से 31 दिसंबर, 2022 तक आयोजित इस सात दिवसीय आध्यात्मिक कथा में कई भक्तों और गणमान्य अतिथियों की उपस्थिति देखी गई। कथावक्ता विश्वप्रसिद्ध साध्वी श्रेया भारती जी ने मधुर भजनो, चौपाइयों और ओजस्वी विचारों के माध्यम से भगवान श्रीराम के दिव्य उपदेशों को बड़े ही प्रेरणास्पद ढंग से प्रस्तुत किया। कथा शुरू होने से एक दिन पहले, 24 दिसंबर, 2022 को एक भव्य कलश यात्रा भी निकाली गई। कलश यात्रा के माध्यम से लोगों को श्री राम कथा में भाग लेने और भगवान राम द्वारा प्रतिपादित सच्चे आध्यात्मिक सिद्धांतों को समझने का आह्वान किया गया।
कथा के दौरान, साध्वी जी ने भगवान राम द्वारा प्रतिस्थापित सिद्धांतों के पीछे छिपे आध्यात्मिक संदेश को बड़े स्पष्ट रूप से बताया। उन्होंने समझाया कि श्री राम का जीवन पवित्रता, सादगी, संतोष और त्याग से परिपूर्ण था। आध्यात्मिक ज्ञान के माध्यम से कलियुग में भी इस आध्यात्मिक उत्कृष्टता की स्थिति का अनुभव कोई भी मनुष्य कर सकता है। इसके लिए लोगों के हृदय मंदिर में वही महान राम-राज्य पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता है। प्रत्येक मानव को बिना समय व्यर्थ गंवाए जीवन के वास्तविक लक्ष्य यानी आत्म-साक्षात्कार को हासिल कर लेना चाहिए। ‘ब्रह्मज्ञान’ का दिव्य आध्यात्मिक अस्त्र हमें भौतिकवाद, भय, भ्रष्टाचार और अनैतिकता आदि दुर्गुणों के कई कलियुगी रावणों से लड़ने में सक्षम बनाता है, जिसके पास आज केवल दस ही नहीं बल्कि अनगिनत सिर हैं। राम राज्य केवल अतीत का आदर्श नहीं है; बल्कि यह तो आज भी हम सबके लिए शांति, सद्भाव और आंनद का स्रोत है। साथ ही, डीजेजेएस प्रतिनिधि ने लोगों से ब्रह्मज्ञान द्वारा आंतरिक दिव्य प्रकाश के अलौकिक वैभव के संग जुड़कर प्रबुद्ध बनने का आग्रह किया। उन्होंने दोहराया कि ‘ब्रह्मज्ञान द्वारा आत्म साक्षात्कार’ कोई यूटोपियन अवधारणा नहीं है; क्योंकि आज भी असंख्य लोगों ने संस्थान में आकर श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में इसके माध्यम से अंतर में स्थित ईश्वर का साक्षात अनुभव किया है।
यह भव्य कथा संस्थान के सामाजिक प्रकल्प ‘कामधेनु’ (भारतीय गौ नस्ल सुधार और संरक्षण कार्यक्रम) को समर्पित रही। डीजेजेएस की एक सामाजिक पहल जो मुख्य रूप से भारतीय गौ के मूल्य व सम्मान को फिर से स्थापित करने और उनके संरक्षण के लिए सामाजिक जागरूकता और सांस्कृतिक संवेदनशीलता बढ़ाने हेतु समर्पित है। जहां इस कार्यक्रम को भारी मीडिया कवरेज मिली, वहीं उपस्थित जनमानस से खूब सराहना व भागीदारी भी। श्री राम के वैभव की दिव्य आभा ने सभी उपस्थित भक्तों के मन पर अमिट व अविस्मरणीय छाप छोड़ी।