अयोध्या में भगवान श्री राम के बाल विग्रह प्राणप्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर, दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की शाखाओं में में २१ जनवरी २०२४ को वैदिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इन भव्य कार्यक्रमों में हजारों रामानुरागियों ने भाग लिया। कार्यक्रम में वैदिक मन्त्रोच्चारण, रुद्री पाठ, हवन यज्ञ व सत्संग-भजन इत्यादि का वृहद् स्तर पर आयोजित किये गए। कार्यक्रमों में दिव्य ज्योति वेद मन्दिर के ब्रह्मज्ञानी वेद पठियों द्वारा रुद्रीपाठ का विशुद्ध उच्चारण और भगवान श्री राम की अमूल्य शिक्षाओं पर आधारित प्रवचन सम्मिलित थे। भगवान राम का जीवन धर्म (धार्मिकता), करुणा और भक्ति का अतुल्य सम्मिश्रण है। "राम राज्य" की अवधारणा न्याय, समानता और नैतिक शासन पर आधारित एक आदर्श समाज का प्रतीक है, जो जन-सामान्य को सिद्धांत युक्त नैतिक जीवन जीने के लिए प्रेरित करती है। इस दिव्य दिवस पर भक्तों ने सांसारिक गतिविधियों से परे अपने अस्तित्व के सार को पहचानते हुए आध्यात्मिक उत्थान का अनुभव किया। मानव जीवन का एकमात्र लक्ष्य आध्यात्मिक विकास है, जो व्यक्तियों को विकारों से प्रेरित सांसारिक बन्धनों से मुक्त करता है।
इसके अतिरिक्त, 22 जनवरी 2024 के शुभ दिवस पर, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की द्वारका शाखा द्वारा ग्रेट इंडिया अपार्टमेंट, सेक्टर- 6, द्वारका के परिसर में भव्य हवन-यज्ञ और रुद्री पाठ एवं वैदिव -मन्त्रोच्चारण से श्री राम लल्ला का भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम के अन्त में सभी ने दिए जलाकर समूचे विश्व को राम-राज्य के दिव्य आगमन का संकेत देकर शुभकामनाएं निवेदित की।
परम पूजनीय दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में ये कार्यक्रम वास्तव में सम्पूर्ण मानव जाति के लिए उनके श्री वचनों को प्रतिबिम्बित करते हैं, "भारत श्रीराम का राष्ट्रीयकरण है और श्रीराम भारत का मानवीकरण! श्रीराम और भारत सूक्ष्मतः दो पृथक-पृथक सत्ताएँ नहीं ! श्रीराम का स्थूल रूप भारत है और भारत का चेतन-आकार श्रीराम हैं!