मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र एक सुनियोजित सह-पाठ्यक्रम पद्धति प्रदान कर रहा है, जिसमें छात्रों को उनकी रुचियों, क्षमताओं और प्रतिभाओं विकसित करने के अवसर मिल रहें हैं।
इसी के चलते, जनवरी 2023 में, मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र ने अपनी ऑनलाइन और ऑफलाइन कार्यशालाओं में देश भर के 1100 से अधिक छात्रों को जोड़ा। आयोजित कार्यशालाऍं इस प्रकार हैं-
1. संगीतशाला में संस्कृत के गीत, श्लोक और प्रेरणादायक कहानियों के माध्यम से बच्चों के मानसिक विकास विकास में योगदान व उनके भीतर राष्ट्रप्रेम को पल्लवित किया गया।
2. नींव- Nurturing Strong Future के अंतर्गत श्रीमती मणि खुराना, अध्यापिका, सर्वोदय स्कूल, अशोक विहार, दिल्ली द्वारा आत्मविश्वास और अनुशासन पर सत्र आयोजित किया गया था। श्रीमती मणि खुराना जी ने बच्चों को इन दो गुणों पर प्रोत्साहित किया जो उनकी क्षमताओं और कौशल के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को आकार देने में मदद कर सकते हैं।
3. साध्वी भक्तिप्रिया भारती जी और साध्वी जयवाणी भारती जी द्वारा भारत के वीर सपूत और भारत के कृषि-आधारित त्यौहारों के विषयों पर नैतिक शिक्षा सत्र के अंतर्गत बच्चों का ज्ञानवर्धन किया। भारत की भूमि अपने वीर सपूतों के बलिदान और वीरता की गाथाओं को अपने भीतर समेटे हुए है जो इन विशेष सत्रों के माध्यम से बच्चों को संप्रेषित की गई। समर्पण, देशभक्ति और बलिदान की भावना को चित्रित करने वाले असंख्य गाथाओं की सच्ची कहानियाँ बच्चों के साथ साँझा की गई। बच्चों को सिखाया गया कि देश के विभिन्न हिस्सों में फसल उत्सवों की तारीखें जलवायु में विविधता के कारण अलग-अलग होती हैं। इस तरह के जीवंत फसल उत्सवों में हमारी संस्कृति और इसके आनंदमय उत्सवों के बारे में रोमांचक कहानियाँ शामिल हैं। लोहड़ी, मकर संक्रांति, बैसाखी, ओणम, पोंगल उनमें से कुछ हैं। भारत कृषि प्रधान देश है अतः ये उत्सव भारत की संस्कृति और परिदृश्य के रूप में विविध हैं। हार्वेस्ट फेस्टिवल केवल पकी हुई फसलों का जश्न मनाने के बारे में नहीं है बल्कि सौर-मण्डल में एक महत्वपूर्ण खगोलीय परिवर्तन भी है। उन्हें शुभ काल माना जाता है और इसलिए उन्हें उत्सव और प्रार्थनाओं के साथ चिह्नित किया जाता है।
4. जीवन कौशल कार्यशाला परीक्षा की तैयारी के विषय पर आधारित थी जिसे साध्वी अनीशा भारती जी ने संचालित किया था। मनोरम दृश्यों के साथ प्रभावी प्रस्तुति ने बच्चों को यह समझने में मदद की कि लक्ष्य-उन्मुख कैसे रहें और तनाव और चिंता से मुक्त रहें। दैनिक अध्ययन को आदत बनाकर परीक्षाओं से पहले तैयारी कैसे करें जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाएँ बच्चों के समक्ष रखीं गई। बच्चों को स्व-प्रेरित रहने, स्वस्थ आहार खाने, स्मृति कौशल में सुधार करने और हमेशा परीक्षा प्रश्न पत्रों को ध्यान से पढ़ने जैसे टिप्स सिखाए गए।
5. दिव्य ज्योति जाग्रति संसथान के प्रचारक एवं कार्यकर्ताओं द्वारा आयोजित गौरवान्वित संस्कारशाला में बच्चों को अपने देश और संस्कृति से अवगत करवाया गया और गर्व और अहंकार के बीच के अंतर को समझने पर जोर दिया गया। बच्चों ने सीखा कि गर्व और अहंकार के बीच एक पतली सी रेखा होती है, जहाँ गर्व एक नि:स्वार्थ भावना है वहीं अहंकार एक नकारात्मक भावना है, जो मनुष्य के पतन का कारण बन सकती है। यदि स्वयं और समाज में परिवर्तन लाना है तो हमें अपने अंदर के अहंकार को छोड़ के निष्काम भाव से कार्य करने की आवश्यकता है।
6. भारत गौरव गाथा- आओ करें भारत की सैर एक ऐसा सत्र जहाँ छात्र भारत के अलग-अलग राज्यों की गौरव गाथा के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं। इस माह बच्चों ने इंटरैक्टिव प्रस्तुतियों और वीडियो के माध्यम से कर्नाटक का आभासी दौरा किया जहाँ बच्चों ने कर्नाटक की संस्कृति, उसकी विरासत व ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जाना। छात्रों ने कर्नाटका के भौगोलिक क्षेत्र से लेकर वहाँ के त्योहारों, व्यंजनों, लोक संगीत, नृत्य रूपों, राष्ट्रीय उद्यानों, वन्यजीव अभयारण्यों जैसे सांस्कृतिक मूल्यों को भी जाना।
इस तरह की गतिविधियों के माध्यम से छात्रों को अपने देश की संस्कृति को समझने और जानने में मदद मिलती है व उन्हें अपनी क्षमताओं व संभावनाओं की पहचान में सहायता मिलती है। ऐसी गतिविधियाँ बेहतर शैक्षणिक परिणाम और मजबूत मूल्य दिखाती हैं, और एक स्वस्थ और सक्रिय जीवन शैली का नेतृत्व करने में सहायक होती हैं। इसलिए मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में बच्चों को ऐसे समाज का हिस्सा बनने के लिए प्रेरित करता है जो स्वयं के निर्माण के साथ राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे सकें।