भारत में आज केवल कुछ ही ऐसे विश्वविद्यालय बचे हैं जो सही अर्थों में संस्कृत के ज्ञान को वितरित करने की दिशा में काम कर रहे हैं और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय उन कुछ संस्थानों में से एक है जो न केवल अपने इस उद्देश्य को पूरा कर रहा है अपितु यह विश्वविद्यालय ऐतिहासिक तौर पर भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वैदिक संगोष्ठी की श्रृंखला में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारकों ने एवं दिव्य ज्योति वेद मंदिर (डी.जे.वी.एम) के प्रतिनिधियों के साथ 27 मई 2022 को कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा, बिहार का दौरा किया। दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के प्रचारक साध्वी दीपा भारती जी, साध्वी शरवानी भारती जी और स्वामी यादवेन्द्रानंद जी ने कुलपति प्रो. शशि नाथ झा से भेंट की। पारंपरिक भेंट-अभिनंदन के उपरांत टीम ने देववाणी-संस्कृत के उत्थान के लिए दिव्य ज्योति वेद मन्दिर द्वारा की गई विभिन्न पहलों पर विस्तृत चर्चा की। प्रो. शशि नाथ झा इस तथ्य से प्रभावित थे कि दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की पहुंच न केवल भारत अपितु विदेशों में भी है, जिसमें डी.जे.वी.एम के विभिन्न पाठ्यक्रमों में सभी आयु वर्ग के लोग सम्मिलित हैं। प्रो. झा ने दिव्य ज्योति वेद मन्दिर की पहल की प्रशंसा करते हुए समर्थन पत्र पर हस्ताक्षर कर समस्त टीम का अभिवादन किया।
