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“गुरु पूर्णिमा दिवस”- जिसे शिष्य को आध्यात्मिकता के शिखर तक पहुँचाने की पावन बेला के रूप में चिह्नित किया गया है। यह समय शिष्यों के लिए शुभ व भक्ति के नए आयाम प्रदान करवाने वाला है। 5 जुलाई 2020 को पूरे विश्व में सर्व श्री आशुतोष महाराज जी के शिष्यों ने इस दिव्य पर्व पर अपने घरों में गुरुदेव के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त की। इसके साथ ही दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) की अनेक शाखाओं जैसे:- बैंगलोर (कर्नाटक), पीतमपुरा (नई दिल्ली), लंदन (यूके), चाकन (महाराष्ट्र), जोधपुर (राजस्थान), आगरा (यूपी), पिथौरागढ़ (उत्तराखंड), जयपुर (राजस्थान), पौड़ी (उत्तराखंड), मेरठ (यूपी) , गाजियाबाद (यूपी), बरेली (यूपी) आदि में भी इसे मनाया गया|

Worldwide Guru Purnima Celebrations 2020 - Steered up Disciples on Path of Devotion

गुरू पूर्णिमा पर्व, सतगुरु व शिष्य के अलौकिक व आत्मिक संबंध का द्योतक है, जो मृत्युपर्यंत भी, जन्म- जन्मान्तरों तक अटूट रहता है। दिव्य गुरू की कृपा को प्राप्त कर शिष्य का हर दिन, प्रत्येक क्षण, प्रत्येक पल, इस आत्मिक संबंध को समर्पित होता है। परन्तु इस दिवस को कृपानिधान सतगुरू के पूजन हेतु विशेष रूप से संजोया गया है। एक शिष्य सदैव गुरू महिमा का गुणगान करता है, क्योंकि सतगुरु ही अपनी दया द्वारा शिष्य को अंतर्घट में ईश्वर का साक्षात्कार करवा, उसके जीवन को धन्य बनाते हैं।

गुरु गीता में स्वयं भगवान शिव ने कहा है:-

Worldwide Guru Purnima Celebrations 2020 - Steered up Disciples on Path of Devotion

सर्वश्रुतिशिरोरत्नविराजितपदाम्बुजम्। वेदान्तार्थप्रवक्तारं तस्मात्संपूजयेद् गुरुम्॥

यस्यस्मरणमात्रेण ज्ञानमुत्पद्यते स्वयम्। सः एव सर्वसम्पत्तिः तस्मात्संपूजयेद् गुरुम्॥

 

गुरु ही सर्व श्रुतिरूप श्रेष्ठ रत्नों से सुशोभित चरणकमल वाले हैं और वेदांत के अर्थ के प्रवक्ता हैं। इसलिए श्री गुरुदेव की पूजा करनी चाहिए। जिनके स्मरण मात्र से ज्ञान अपने आप प्रगट होने लगता है और वे ही सर्व सम्पादरूप हैं। अतः श्री गुरुदेव की पूजा करनी चाहिए।

गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और शंकर के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। गुरु अपने शिष्य को ब्रह्मज्ञान द्वारा दीक्षित कर, मुक्ति का मार्ग प्रदान करते हैं। ब्रह्मज्ञानप्रदाता दिव्य गुरु सर्व श्री  आशुतोष महाराज जी वर्तमान के पूर्ण सदगुरु हैं, जो सनातन ज्ञान द्वारा शिष्यों को उसके वास्तविक व परम लक्ष्य की ओर ले जा रहे हैं। ब्रह्मज्ञान मानव को जागृत कर, उन्हें अज्ञानता के अंधकार से दिव्य प्रकाश की ओर ले जाता है।

आज के कठिन समय के जहाँ मानव घर में रहने के लिए विवश है, वहीँ गुरुदेव के शिष्यों ने गुरु-पूजन द्वारा सर्वोच्च शांति का अनुभव किया। इस पावन दिवस पर शिष्यों ने घरों में अधिक से अधिक साधना की और दिव्य प्रार्थना व आरती द्वारा गुरुदेव के पूजन रीति को पूर्ण किया। हर साधक ने निस्वार्थ भावना से विश्व शांति हेतु प्रार्थना की और सतगुरु के दिव्य चरणों में समर्पण और भक्ति के मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। इस अवसर पर डीजेजेएस द्वारा गुरुपूजा कार्यक्रम का YouTube और Facebook पर दिल्ली और नूरमहल शाखा द्वारा लाइव वेबकास्ट किया गया। जिसके द्वारा सभी शिष्यों ने दिव्य प्रवचनों और भावपूर्ण भजनों रूपी अमृत का पान किया। विश्व में  लाखों श्रद्धालु एक ही समय में दिव्य प्रेरणाओं के साक्षी बनें और आध्यात्मिकता के मार्ग पर बढ़ने हेतु दृढ़ संकल्पित हुए।

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