गाज़ियाबाद: “हिन्दू अध्यात्मिक एवं सेवा मेला” में आयोजित, मातृ शक्ति सम्मेलन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान को मुख्य वक्तव्य प्रदान करने हेतु, आमन्त्रित किया गया. संस्थान की गाजियाबाद शाखा की प्रमुख, साध्वी श्वेता भारती जी ने इस सम्मलेन में संस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए, महिलाओं के सम्मान व सशक्तिकरण के विषय को उठाते हुए कहा कि -“नारी के संग होने वाली समस्त समस्याओं का आधार समाज में व्याप्त रुढ़िवादी एवं जटिल मान्यताएं हैं. साध्वी जी ने अपने शिक्षाप्रद व्याख्यान के माध्यम से रूढ़िवादी पूर्वाग्रहों के स्पष्टीकरण से महिलाओं की समाज में भूमिका, योगदान व महत्व पर प्रकाश डाला. इस कार्यक्रम के माध्यम से समाज की मानसिकता में परिवर्तन लाने हेतु, नारी का शैक्षिक व आर्थिक रूप से सशक्त होने के साथ साथ आध्यात्मिक स्तर पर सशक्त होने की अनिवार्यता को समझाने का प्रयास किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य - महिलाओं को उनकी शक्ति का आभास करवाना व समाज में उनकी खोई हुई गरिमा को पुनः स्थापित करना रहा.  अवसरों के अभाव व महिलाओं के अपनी क्षमता से अनभिज्ञ होने के कारण समाज में मौजूदा विरोधाभास पर भी प्रकाश डाला. अपने गुरुदेव का नाम लेते हुए साध्वी जी ने कहा “श्री आशुतोष महाराज जी का कथन है – नारी के सम्मान की पुनर्स्थापना हेतु नारी को तो उसके वास्तविक स्वरुप का बोध करवाना ही है, साथ ही पुरुष को भी नारी की गरिमा का बोध करवाना आवश्यक है, और ये दोनों ही तब तक संभव नहीं, जब तक नारी और पुरुष दोनों अध्यात्म के स्तर पर जागृत होकर अपने आत्म स्वरुप से परिचित नहीं हो जाते”. साध्वी जी ने लेक्चर के माध्यम से ये भी बताया कि गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के दिशा निर्देश में विश्व शान्ति की स्थापना के लिए संस्थान के अधिकतर आथ्यात्मिक व सामाजिक महत्वपूर्ण कार्य गुरु शिष्याओं द्वारा किये जा रहे हैं.

विश्व हिन्दू परिषद्, सेवा भारती व राष्ट्र स्वयं सेवक संघ द्वारा  शनिवार को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद कवि नगर, रामलीला मैदान में, “हिन्दू आध्यात्मिक एवं सेवा मेला 2017” मातृ शक्ति सम्मेलन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान को मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया गया. 14 से 17 दिसम्बर तक कवि नगर, रामलीला मैदान में लगे हिन्दू अध्यात्मिक मेले में हिन्दू दर्शन की अभिव्यक्ति “ईशा वास्यम् इदं सर्वं” को प्रदर्शित करता है.

अपने अंतिम विचारों में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के लिंग समानता कार्यक्रम – संतुलन के अंतर्गत, कन्या भ्रूण हत्या के विरुद्ध चलाई जा रही राष्ट्र महिला सशक्तिकरण अभियान “तू है शक्ति” को प्रस्तावित करते हुए साध्वी जी ने बताया की “तू है शक्ति” के अंतर्गत, भारत के 8 राज्यों में कुल मिलाकर 150 जेंडर क्रिटिकल जिलों के लगभग 6000 क्षेत्रों में कार्य किया जा रहा है- 8 प्रशिक्षक प्रशिक्षण कार्यशालाओं के माध्यम से 2500 महिला परिवर्तन प्रतिनिधि तैयार की गयी है जो गाँव-गाँव गली-गली जाकर समाज को जागरूक कर रही हैं.

संतुलन नारी को आध्यात्मिक उत्थान के माध्यम से समग्र रूप से मुक्त और सशक्त करने में कार्यरत है. इसी लक्ष्य की प्राप्ति करने व महिलाओं के भीतर नारी होने का गर्व जागरूक करने हेतु, विश्व भर में स्कूल, कार्यालय, ऑडिटोरियम आदि में नुक्कड़ नाटक, नृत्य, विषय सम्बंधित व्याख्यान, सामूहिक चर्चा से सुसज्जित जागरूकता वर्कशॉप व काउंटर्स का आयोजन किया जा रहा है. लिंगाधारित पूर्वधारणा व मिथकों का स्पष्टीकरण, नारी की सिद्धि गाथा का वर्णन व नारी महत्वता के विषय में जागरूकता उपबोधन कर, महिलाओं को एकजुट हो कर सामाजिक समस्याओं के विरुद्ध आवाज़ उठाने को प्रेरित करने का हर प्रयास किया जा रहा है. बहुसंख्यक प्रचारकों व कार्यकर्ताओं के माध्यम से संस्थान जन जन तक आध्यात्मिक स्तर पर आवश्यक जागरूकता का महत्व पहुँचाने का संकल्प रखता है जिससे केवल कन्या भ्रूण हत्या ही नही, बल्कि महिलाओं के खिलाफ अन्य अपराधों का भी पूर्ण रूप से अंत हो जाए.

दिव्य ज्योति जागृति संस्थान एक सामाजिक आध्यात्मिक संस्था है जिसका ध्येय है - आध्यात्मिक जागृति द्वारा विश्व में शान्ति. संस्थान द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ साथ नशा मुक्ति, अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षार्थ, पर्यावरण संरक्षण हेतु, गो संरक्षण, संवर्धन एवं नस्ल सुधार, समाज के सम्पूर्ण स्वास्थ्य, आपदा प्रबंधन तथा नेत्रहीनो, अपाहिजों के सशक्तिकरण के साथ साथ जेल के कैदी बंधुओं के लिए भी समाज कल्याण के प्रकल्प चलाये जा रहे हैं.

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