जन-मानस को आध्यात्मिकता के प्रति जागृत करने के उद्देश्य से दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा नंगल, पंजाब में 26 से 30 जून 2022 तक भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा में भगवान शिव के अद्वितीय रूप से जुड़े रहस्यों को उद्घाटित किया गया। विलक्षण कथा का रसपान करने हेतु क्षेत्र से बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन उमड़े। तांडव स्तोत्रम और डमरू की भावपूर्ण धुनो में पिरोये भक्ति भावों से सराबोर भजनों ने पंडाल में दिव्यता का संचार किया।
गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या कथा व्यास साध्वी सौम्या भारती जी ने भगवान शिव की आदि गुरु भूमिका से संबंधित गहन तथ्यों पर व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने समझाया कि भगवान शिव का साकार एवं निराकार रूप- शिवलिंग, दोनों ही आध्यात्मिक जगत के प्रतीकात्मक चिन्ह हैं। शिवलिंग प्रतीक है मानव के अन्तर जगत के आकाश का जहाँ परब्रह्म का वास है। भगवान शिव का साकार रूप संकेतक है इस तथ्य का कि बाह्य जगत अंतर जगत का प्रतिबिंब होता है। यह त्याग, वैराग्य, ज्ञान-प्रकाश आदि का प्रतीक है। सतगुरु रूप में भगवान शिव द्वारा देवी पार्वती को दिए गए प्रवचन गुरु गीता के माध्यम से समस्त मानव समाज के लिए प्राप्य हैं। जीवन में गुरु की महत्ता को दर्शाते हुए कबीर दास जी लिखते हैं- गुरु बिन ज्ञान न उपजै, गुरु बिन मिलै न मोष। गुरु बिन लखै न सत्य को, गुरु बिन मिटै न दोष।। अर्थात गुरु के बिना ब्रह्मज्ञान एवं मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती। अतः बिना गुरु के सत्य का दर्शन व शंकाओं का निवारण भी नहीं हो सकता। साध्वी जी ने समझाया कि पूर्ण सतगुरु शिष्य के जीवन में शिव रूप में कार्य करते हैं। वह उसके आंतरिक व बाह्य आवरण में छुपे दोषों का नाश करते हैं। तत्पश्चात शिष्य को उच्च चेतना की ज्ञान-प्रकाशित सृजन यात्रा पर अग्रसर कर देते हैं। भगवान शिव का तृतीय नेत्र मानव में स्थित आध्यात्मिक सूक्ष्म द्वार का प्रतीक है, जिसे गुरु कृपा द्वारा शिष्य के आंतरिक जगत में खोलते हैं। साध्वी जी ने उपस्थित श्रोतागणों को पूर्ण गुरु की शरण में जीवन के एकमात्र लक्ष्य को प्राप्त करने एवं अपनी आध्यात्मिक यात्रा का शुभारंभ करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा से इस तथ्य को उजागर किया कि श्री आशुतोष महाराज जी, समय के पूर्ण सतगुरु, किसी भी जिज्ञासु को आध्यात्मिक रूप से जागृत करने में सक्षम हैं। आत्मिक स्रोत से जुड़ने के पश्चात शिष्य का जीवन शांति व आनंद से भर जाता है। कथा से प्रति दिन छिटकती दिव्यता ने उपस्थित सभी श्रोताओं को सकारात्मक ऊर्जा से लाभान्वित होने तथा भगवान शिव संबंधित गहन रहस्यों को जानने का सुंदर सुअवसर प्रदान किया। जीवन के प्रमुख उद्देश्य को प्राप्त कराने हेतु कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को भक्ति व ज्ञान के प्रकाश से सुसज्जित किया गया