दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 6 से 10 नवंबर 2022 तक लुधियाना, पंजाब में पांच दिवसीय भगवान शिव कथा का आयोजन किया गया। कथा का उद्देश्य भगवान शिव के विभिन्न विचारशील और दिव्य गुणों का अनावरण और श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक जागृति की दिव्य पद्धति का परिचय करवाना रहा। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी कि शिष्या कथा व्यास साध्वी गरिमा भारती जी ने भगवान शिव से प्रेरित विभिन्न विस्मयकारी उत्कृष्ट जीवन पाठों को बड़े ही प्रभावशाली रूप से व्यक्त किया।

शिव को 'देवो के देव-महादेव' कहने का एक कारण है। साध्वी जी ने कहा, ''शांत दिखने वाले भगवान शिव सभी प्रकार की नकारात्मकताओं को नष्ट करने के लिए सशक्त हैं इसलिए संहार के देवता कहलाते हैं और वहीं दूसरी ओर भोलेनाथ भी कहलाते हैं क्योंकि वे किसी के भी प्रिय बन सकते हैं। उन्हें आदियोगी के रूप में भी माना जाता है, जो योग के स्रोत हैं, जिन्होंने सम्पूर्ण मानव जाति के लिए अपनी सीमाओं को पार करने की संभावना की पेशकश की।
उन्होंने 'तीसरी आँख' का उल्लेख करते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि बाहरी दो आँखें बाहर की ओर उन्मुख होती हैं तो वहीं तीसरी आँख आपकी आंतरिकता - आपकी प्रकृति और आपके अस्तित्व को देखने के लिए होती है। आध्यात्मिक आयाम से देखें तो भौतिक इंद्रियों व भौतिकता से जो अत्यंत परे है उसे तीसरी आंख कहा जाता है। जिसके उद्घाटन को ईश्वरीय ज्ञान की प्रक्रिया ब्रह्मज्ञान कहा जाता है जिसके माध्यम से व्यक्ति अपने अस्तित्व के सर्वोच्च लक्ष्य और उद्देश्य का अनुभव कर सकता है। यह दिव्य ज्ञान केवल एक पूर्ण तत्वज्ञानी आध्यात्मिक गुरु द्वारा ही प्रदान किया जा सकता है।

हर स्थिति परिस्थिति को ठीक-ठीक देखने व पहचानने के लिए हमें सूझ की आंख यानी विवेकपूर्ण दृष्टि चाहिए। इसके बाद ही आध्यात्मिक ध्यान की प्रक्रिया शुरू होती है, आदियोग शुरू होता है और व्यक्ति मोक्ष के मार्ग की ओर बढ़ना शुरू करता है। डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने श्रोताओं में से प्रत्येक से अनुरोध किया कि वे दिव्य ब्रह्मज्ञान के लिए अपनी रुचि दिखाएं क्योंकि पूज्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी इस समय के पूर्ण सतगुरु हैं जो आज उसी प्राचीन व सनातन दिव्य वैदिक ज्ञान को कई आत्माओं को प्रदान कर रहे हैं।
प्रचुर मात्रा में दिए गए आंतरिक जागरूकता जगाने वाले प्रभावशाली विचारों ने लगातार पांच दिनों तक ईश्वर जिज्ञासुओं को इस कार्यक्रम से जोड़े रखा। भक्तिपूर्ण दिव्य भजनों की श्रृंखला ने उन्हें परम ईश्वर व उनके दिव्य आध्यात्मिक ज्ञान के साथ शाश्वत संबंध का अनुभव कराया। कार्यक्रम में अपनी महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज़ करवाने वाले अनेकानेक अतिथियों और दर्शकों ने पवित्र मिशन, डीजेजेएस को हृदय व भावों से स्वीकारा और उसकी सराहना भी की।