एक प्रेरणादायक क्षण में, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान, जालंधर शाखा ने कैंटोनमेंट बोर्ड जालंधर के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 को “एक स्वास्थ्य, एक पृथ्वी के लिए योग” जैसे प्रेरक विषय पर भव्य रूप में मनाया।

यह सहयोग, “7 रोगों के लिए 7 दिन योग” नामक प्रभावशाली पहल के अंतर्गत, 15 से 21 जून 2025 तक जालंधर कैंट स्थित जवाहर गार्डन में सात दिवसीय योग शिविर के रूप में साकार हुआ। जन-सामान्य के स्वास्थ्य कल्याण पर केंद्रित इस शिविर का उद्देश्य प्रतिभागियों को जीवनशैली से जुड़ी आम बीमारियों से निपटने हेतु चिकित्सीय योग अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
इस शिविर का संचालन संस्थान के ब्रह्मज्ञानी स्वयंसेवकों एवं प्रशिक्षित योगाचार्यों द्वारा किया गया, जिन्होंने योग को समग्र आरोग्यता का माध्यम बनाते हुए निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया:

- मधुमेह, जोड़ों के दर्द और उच्च रक्तचाप जैसी स्थितियों के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए चिकित्सीय आसनों का अभ्यास।
- प्राणायाम तकनीकों के माध्यम से फेफड़ों की क्षमता बढ़ाने और गहन मानसिक शांति प्राप्त करने की विधियाँ।
- निर्देशित ध्यान के माध्यम से आत्मिक उत्थान और तनाव मुक्ति का अनुभव।
- और अंत में, एक भावपूर्ण योग संकल्प, जिसमें प्रत्येक प्रतिभागी को नियमित योग अभ्यास हेतु प्रेरित किया गया।
सात दिनों तक चले इस विलक्षण शिविर से लगभग 2800 प्रतिभागियों को लाभ मिला, जिनमें सेना के जवान, महिलाएं, युवा, वरिष्ठ नागरिक एवं छात्र शामिल थे। समाज के हर वर्ग की इस व्यापक सहभागिता ने इस कार्यक्रम को क्षेत्र का एक प्रभावशाली जनस्वास्थ्य अभियान बना दिया।
इस पहल की सफलता एवं प्रभावशीलता को मान्यता देते हुए, कैंटोनमेंट बोर्ड जालंधर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री कुँवर ओमपाल सिंह (IDES) द्वारा डीजेजेएस को प्रशंसा-पत्र प्रदान किया गया। इस प्रशंसा में “योग के माध्यम से शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने” तथा “शांत और व्यवस्थित योग वातावरण स्थापित करने” हेतु डीजेजेएस के योगदान की सराहना की गई।
इस शिविर की व्यापक पहुँच और प्रभाव को दैनिक सवेरा, पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, तथा जालंधर सिटी (21 जून संस्करण) जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों ने प्रमुखता से प्रकाशित किया। इन रिपोर्टों में इस अभियान की विशिष्टता, प्रभावशाली जनसहभागिता और डीजेजेएस आरोग्य द्वारा योग-जागरूकता के क्षेत्र में निभाई गई केंद्रीय भूमिका की प्रशंसा की गई।
इस सार्वभौमिक प्रशंसा की गूंज में, इस शिविर को स्नेहपूर्वक “एक नये सवेरे की ओर” की संज्ञा दी गई — एक ऐसा प्रयास जो समाज को स्वास्थ्य, चेतना और संतुलन की ओर अग्रसर करता है। जवाहर गार्डन की हरियाली, सात दिनों तक एक जीवंत साधना स्थल में रूपांतरित हो गई, जहाँ सैकड़ों साधक योग, प्राणायाम और ध्यान के माध्यम से आत्मिक सामंजस्य प्राप्त कर रहे थे।
शिविर का समापन एक प्रेरणादायक आह्वान के साथ हुआ: “365 दिन योग”। यह संदेश समाज को स्मरण कराता है कि योग केवल एक दिवस का उत्सव नहीं, बल्कि जीवनभर की साधना है। डीजेजेएस आरोग्य ने यह स्पष्ट किया कि स्थायी परिवर्तन तभी संभव है जब योग को दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बना लिया जाए — जिससे शारीरिक स्वास्थ्य, भावनात्मक संतुलन एवं आत्मिक स्पष्टता का विकास संभव हो सके।
कैंटोनमेंट बोर्ड द्वारा प्राप्त यह आधिकारिक मान्यता, डीजेजेएस की निस्वार्थ सेवा, समाज के कल्याण हेतु उसकी सतत प्रतिबद्धता और आध्यात्मिक उत्थान की धारा का प्रमाण है। यह संस्थान के उस समग्र दृष्टिकोण को भी रेखांकित करता है, जो प्राचीन योगीय परंपराओं को आधुनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं से जोड़ता है।
इसी प्रकार की पहलों के माध्यम से डीजेजेएस आरोग्य निरंतर निवारक स्वास्थ्य और समग्र जीवनशैली के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक मानक स्थापित कर रहा है — जहाँ विज्ञान और अध्यात्म को एक सूत्र में पिरोकर एक रोग-मुक्त, तनाव-मुक्त समाज की दिशा में कदम बढ़ाए जा रहे हैं।