Read in English

वैदिक साहित्य के द्वारा हमें प्राचीनकालीन सभ्यता के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक संगठनों का बोध होता है। गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा संस्थापित दिव्य ज्योति वेद मंदिर एक शोध व अनुसंधान संस्था है जिसका एकमात्र ध्येय प्राचीन भारतीय संस्कृति के पुनरुत्थान द्वारा सामाजिक रूपांतरण करना है। वैदिक संस्कृति के प्रसार एवं वेदमंत्रोच्चारण की मौखिक परम्परा को पुनः स्थापित करने तथा संस्कृत भाषा को व्यवहारिक भाषा बनाने हेतु दिव्य ज्योति वेद मंदिर देश भर में कार्यरत है। वैश्विक महामारी COVID-19 के लॉकडाऊन के सयम से ही दिव्य ज्योति वेद मंदिर द्वारा विश्व स्तर पर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी तथा संस्कृत संभाषण की वैश्विक स्तर पर नियमित कक्षाएं प्रारंभ की गई जिनमें वेद मंत्रों के विशुद्ध व सस्वर उच्चारणपाठ को सिखाया गया।

Completion of Final Evaluation in 19 Rudri Paath batches | Nov 21 - Jan 22

इसी श्रृंखला के अंतर्गत 26 जनवरी 2022 को शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी के अंतर्गत 19 बैचेस के विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई । इस परीक्षा में 1700 से अधिक लाभार्थियों ने सफलता पूर्वक रुद्रीपाठ के अध्यायों को सीखा। इसके अतिरिक्त शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी के अंतर्गत विद्यार्थियों के साथ- साथ शिक्षकों को भी प्रशिक्षित करने का कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया थाl 22 जनवरी से 26 जनवरी 2022 के मध्य चलायमान शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में भी लगभग 150 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर परीक्षा का आयोजन किया गया।

अंत में सभी दिव्य ज्योति वेद मंदिर की ओर से सभी परीक्षार्थियों को शुक्ल यजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी एवं शिक्षण प्रशिक्षण कार्यक्रम में भागीदारी एवं सफलतापूर्वक सम्पन्न करने के लिए शुभकामनाएं दी गई l

Completion of Final Evaluation in 19 Rudri Paath batches | Nov 21 - Jan 22

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox