"नेन प्राप्यते स्वर्गो दानेन सुखमश्नुते । इहामुत्र च दानेन पूज्यो भवति मानवः ॥ अर्थात् दान से स्वर्ग प्राप्त होता है, दान से सुख भोग्य बनते हैं । यहाँ और परलोक में इन्सान दान से पूज्य बनता है ", शास्त्रों में वर्णित श्लोक के द्वारा दान की महत्ता को उजागर करते हुए हमे दान करने हेतु प्रेरित किया गया है। मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा भी अक्टूबर एवं नवम्बर माह में "दान उत्सव " का आयोजन किया जा रहा है। इस "दान पुण्योत्सव" के माध्यम से मंथन के सभी छात्र छात्राओं को कक्षा एवं पठन पाठन से संबंधित आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराये जाने का प्रयास है। मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा ऑनलाइन वर्चुअल पाठशाला का निर्बाधित रूप से सञ्चालन किया जा रहा है तथा इस कार्यक्रम के माध्यम से देश के विभिन्न भागों में शिक्षा को निर्बाधित रूप से पहुँचाया जा रहा है ताकि सभी ज्ञान प्राप्ति के उत्सुक विद्यार्थियों को इस प्रकल्प से लाभ प्राप्त हो।
दान की महत्ता तथा अनुपम महिमा को ध्यान में रखते हुए तथा दान प्राप्ति के योग्य एवं अभावग्रस्त छात्र छात्राओं की सहायतार्थ मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र द्वारा 2 अक्टूबर 2021 से 4 नवम्बर 2021 तक "दान उत्सव - दान नहीं ,योगदान करे " का आयोजन किया जा रहा है। इस प्रकल्प का उद्देश्य समाज के अभावग्रस्त छात्र छात्राएं जो मंथन में शिक्षा प्राप्त कर रहे है को पठन -पठान से सम्बंधित मूलभूत उपकरणों तथा सामग्री उपलब्ध करवाना है जिससे वे अपने निर्भाधित शिक्षा प्राप्ति के स्वप्न को पूर्ण कर सके। इस उद्देश्य की पूर्ती हेतु सभी दान के इच्छुक एवं योग्य देश वासियों को बढ़ चढ़ कर इस आयोजन में भाग लेने एवं योगदान करने के लिए प्रेरित किया गया है। इसी श्रंखला में सभी सेवादार महानुभावों द्वारा छात्र छात्राओं की सहायतार्थ किये गए अपनी दान रूपी सेवा के विषय में अपने अनुभओं को सोशल मीडिया पे साझा किया गया है जिससे प्रेरित होकर अन्य दान करने के इच्छुक लोग दान महोत्सव के इस दिव्य अवसर का लाभ प्राप्त कर सके।
मंथन-संपूर्ण विकास केंद्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान(DJJS) द्वारा संस्थापित एवं संचालित एक सामाजिक प्रकल्प है, जो अनेक वर्षों से समाज के अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित और नि:शुल्क शिक्षा प्रदान कर उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण रूप से विकास करने में संलग्न है।