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राग द्वारा एक लयबद्ध रचना का निर्माण होता है जो उस परमात्मा की महिमा में गायी जाती है जिससे आत्मा उस परमात्मा की ओर उन्मुख होती है। प्रभु भक्ति से ओतप्रोत संगीत आनंद का परम स्रोत हुआ करता है एवं मानव मन को परमात्मा की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है। इसी प्रेरणा के साथ 13 फरवरी, 2019 को प्रयागराज कुंभ मेला डीजेजेएस शिविर में एक और भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। संस्थान द्वारा आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों द्वारा कुंभ में भक्ति की अविरल धारा का प्रवाह किया गया।

Devotional Concert by DJJS Replenished the Arid Hearts Once Again at Kumbh Mela, Prayagraj

जन समुदाय में संगीत समारोह को लेकर एक अलग उत्साह देखने को नज़र आया। डीजेजेएस के संस्थापक एवं संचालक गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने सदैव संगीत के महत्व पर ज़ोर दिया है। उनके करुणामयी मार्गदर्शन में संगीत से सजे ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन द्वारा परमात्मा का सन्देश प्रसारित किया जाता रहा है। श्री महराज श्री की शिष्या साध्वी शैब्या भारती जी ने हमारे देश में  व्याप्त वर्तमान सामाजिक व्याधियों पर प्रकाश डालते हुए श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि  हमारी सभी समस्याओं का समाधान हमारे भीतर है आवश्यकता  है तो व्यवहारिकता के आधार पर उसे समझने की। श्री इंद्रेश कुमार जी, वरिष्ठ आरएसएस नेता भी कार्यक्रम को श्रवण करने पहुँचे। साध्वी जी ने अपने विचारों में स्पष्ट किया कि आज समाज को इस व्यवहारिक ज्ञान की परम आवश्यकता है। ब्रह्मज्ञान ही एकमात्र साधन है, जिसके माध्यम से विचलित एवं अशांत मन, आनंद के उस स्रोत परमात्मा की ओर उन्मुख हो पाता है। ब्रह्मज्ञान को प्राप्त कर व्यक्ति संगीत के स्त्रोत अनहद नाद जो कि सृष्टि में व्याप्त संगीत का वास्तविक आधार है उसकी दिव्यता को अपने भीतर अनुभव करता है। संगीत के अंदर वह शक्ति है जो एक आत्मा के तार को परमात्मा से जोड़ने का कार्य करती है जिसके माध्यम से मानव के शुष्क बुद्धि पुनः परिपोषित होती है एवं जिसके द्वारा व्यक्तिगत दृष्टिकोण में बदलाव आता है और आगे चलकर समाज, राष्ट्र और विश्व में बदलाव आता है। असंख्य श्रद्धालुगणों ने भक्ति की इन फुहारों से अपनी पिपासा को शांत किया। इस कार्यक्रम ने उनके अंदर एक नई ऊर्जा लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर होने का उत्साह पैदा किया। यही ऊर्जा एवं उत्साह मानव को दिव्यता की ओर अग्रसर करते है एवं समाज में भाईचारे, शान्ति, प्रबलता जैसे गुणों का निर्माण होता है। एक जाग्रत एवं सकारात्मक सोच अनेकों को जाग्रत एवं सकारात्मक करने का सामर्थ्य रखती है।

Devotional Concert by DJJS Replenished the Arid Hearts Once Again at Kumbh Mela, Prayagraj

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