अहमदाबाद, गुजरात में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 23 जून 2024 को भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसका संचालन दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्या साध्वी मणिमाला भारती जी ने किया। यह कार्यक्रम भक्तों के हृदयों को मंत्रमुग्ध कर देने वाला रहा, जिससे वहां उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने स्वयं को आध्यात्मिक रूप से उन्नत महसूस किया। कार्यक्रम की शुरुआत भावपूर्ण भजनों से की गई। भजन संध्या कार्यक्रम भावपूर्ण भजनों व सारगर्भित प्रवचनों की एक सुंदर मिश्रित प्रस्तुति रहा, जिसे सुनने मात्र से भक्त झूमने पर मजबूर हो गए। साध्वी जी ने अपने प्रवचनों के माध्यम से जीवन में अध्यात्म की महत्वता पर जोर देते हुए शाश्वत भक्ति की ओर प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि शाश्वत आध्यात्म किसी भी धर्म या विश्वास प्रणाली तक सीमित नहीं है, अपितु यह जीवन जीने का एक तरीका है जिसमें दया, करुणा व प्रेम के साथ रहना शामिल है।
तत्पश्चात साध्वी जी ने विभिन्न युगों में महान आध्यात्मिक गुरुओं के जीवन से कुछ प्रेरक प्रसंग सांझा किये जिसने उपस्थित लोगों को गहराई से प्रभावित किया। उन्होंने गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी के महान लक्ष्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस प्रकार ब्रह्मज्ञान के शाश्वत विज्ञान द्वारा लाखों साधकों के जीवन में बदलाव लाया जा रहा है।
इसके बाद साध्वी जी ने विस्तारित रूप से कहा कि आध्यात्म केवल शब्दों और प्रार्थनाओं तक सीमित नहीं है। अपितु हर मनुष्य को अपने जीवन में ईश्वर को प्राप्त करने का अधिकार है। यह एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु की कृपा से ही संभव है। वर्तमान समय में गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने हजारों लोगों को ब्रह्मज्ञान की दीक्षा प्रदान की है, जिससे उन्होंने आध्यात्मिक अनुभव को प्राप्त कर अपने जीवन को लाभान्वित किया है। भजन संध्या कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए मधुर भजनों की शृंखला ने उपस्थित सभी लोगों के दिल को छुआ और वातावरण को प्रेम व भक्ति रस से भर दिया।
भजन संध्या के अंत में साध्वी जी ने उपस्थित लोगों को ब्रह्मज्ञान में दीक्षित होने के लिए प्रेरित किया ताकि वह सभी अपने जीवन को सच्चे अध्यात्म का उपहार दे सकें। इस कार्यक्रम की सभी ने सराहना की तथा ऐसे अद्भुत कार्यक्रम में भाग लेने के लिए स्वयं को भाग्यशाली महसूस किया और ब्रह्मज्ञान द्वारा ईश्वरीय साक्षात्कार करने की इच्छा भी व्यक्त की।
निष्कर्ष के तौर पर भजन संध्या वास्तव में एक प्रेरक कार्यक्रम रहा जिसकी सभी ने भूरी-भूरी प्रशंसा की।