Read in English

दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा 18 मई 2024 को सतलुज पैलेस, अमृतसर रोड, तरन तारन, पंजाब में भजन संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य विषय ‘राम सुमिर के’ में भगवान राम से मिलने व उनके दिव्य ज्ञान को जीवन में धारण करने की सनातन विधि को उजागर किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्री राम के चरण कमलों में प्रार्थना के साथ हुआ।

Devotional Concert on enlightened divine inspirations of Lord Ram at Tarn Taran, Punjab

कार्यक्रम प्रवक्ता साध्वी गरिमा भारती जी ने जीवन के एकमात्र परम लक्ष्य- ईश्वर दर्शन व प्राप्ति पर बल दिया। साध्वी जी ने वर्तमान समय में आध्यात्मिकता की अनिवार्यता को व्यक्त करते हुए समझाया कि कलियुग में मानव जाति भौतिक सफलताओं की शक्ति को दिन-प्रति-दिन स्वीकार कर रही है, परंतु वह ईश्वर व आध्यात्मिकता के वास्तविक अर्थ से दूर होती जा रही है।

प्रवचनों के माध्यम से यह बताया गया कि जब एक जिज्ञासु समय के पूर्ण गुरु की शरण में जाता है, तो गुरु उसे ब्रह्मज्ञान प्रदान कर उसके तृतीय नेत्र को जागृत कर देते हैं और उसे अंतर्घट में ईश्वर का दर्शन होता है। ब्रह्मज्ञान द्वारा ही भक्त हनुमान भगवान राम को पहचान सके और सभी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में नि:स्वार्थ भाव से भगवान की सेवा कर पाए।

Devotional Concert on enlightened divine inspirations of Lord Ram at Tarn Taran, Punjab

गुरु की आज्ञाओं में निरंतर चलते हुए तृतीय नेत्र पर नियमित ध्यान करने से मनुष्य के भीतर भगवान के दिव्य गुणों को धारण करने की प्रक्रिया प्रारम्भ होती है। साध्वी जी ने अनेकों उदाहरण प्रस्तुत करते हुए बताया कि श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा प्रदत्त ब्रह्मज्ञान से आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय परिवर्तन आया है।

भक्ति भावों से सुसज्जित सुमधुर भजनों ने दिव्यता का संचार कर उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध किया। भगवान राम से संबंधित मार्मिक प्रेरणाओं को उद्घाटित करने के लिए दर्शकों ने डीजेजेएस की प्रशंसा की। साथ ही, जीवन के परम लक्ष्य के प्रति जागरूक करवाने हेतु डीजेजेएस द्वारा किए गए प्रयासों को सभी ने सराहा।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox