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पटियाला—एक ऐसा शहर जो सांस्कृतिक समृद्धि, शैक्षणिक उत्कर्ष और जीवंत समुदायिक जीवन के लिए जाना जाता है—आज अदृश्य मानसिक चुनौतियों का एक मौन भार भी वहन कर रहा है। इसकी रौनक़ से भरी गलियों और शिक्षण संस्थानों की चहल-पहल के बीच, लोग भीतर ही भीतर तनाव, चिंता और भावनात्मक थकावट से जूझ रहे हैं। दुर्भाग्यवश, मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी बातचीत आज भी सामाजिक कलंक और जागरूक मंचों की कमी के कारण दबकर रह जाती है।

DJJS Aarogya Launches Manobalam – Patiala Own Mental Health Campaign with a Powerful Opening Event

मनोबलम: मानसिक सशक्तिकरण की ओर एक सार्थक पहल

पटियाला जैसे सांस्कृतिक और शैक्षणिक दृष्टि से समृद्ध शहर में भी मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियाँ तेज़ी से उभर रही हैं। इन अदृश्य संघर्षों को समझते हुए, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने अपने समग्र स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘आरोग्य’ के अंतर्गत एक विशेष अभियान—‘मनोबलम: आंतरिक शक्ति का उपयोग’—की शुरुआत की है।

DJJS Aarogya Launches Manobalam – Patiala Own Mental Health Campaign with a Powerful Opening Event

यह पहल केवल जागरूकता तक सीमित नहीं है; इसका उद्देश्य शहरवासियों को भावनात्मक लचीलापन विकसित करने में मदद करना है, ताकि वे जीवन की कठिनाइयों का सामना आत्मविश्वास और स्पष्टता के साथ कर सकें। ‘आरोग्य’ जहाँ शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन पर काम करता है, वहीं ‘मनोबलम’ मानसिक और भावनात्मक कल्याण को केंद्र में रखकर, व्यावहारिक रणनीतियों और सशक्तिकरण के उपकरण उपलब्ध कराता है।

यह अभियान पटियाला के निवासियों के लिए एक आशा की किरण बनकर उभर रहा है—एक ऐसा मंच जो न केवल सुनता है, बल्कि समझकर समाधान भी प्रस्तुत करता है।

यह अभियान अधिकारियों, महिलाओं, विद्यार्थियों, युवाओं, बुजुर्गों और विभिन्न समुदायों के लिए विविध कार्यक्रमों की एक श्रृंखला प्रस्तुत करता है, जिनमें प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान को आधुनिक मानसिक स्वास्थ्य उपायों के साथ सहज रूप से समाहित किया गया है। ये कार्यक्रम न केवल जागरूकता फैलाते हैं, बल्कि आत्म-सशक्तिकरण और भावनात्मक संतुलन की दिशा में भी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

पटियाला में इस जागरूकता यात्रा का शुभारंभ 22 जून 2025 को सरहिंद रोड स्थित क्लेरियन इन होटल में एक भव्य लॉन्च इवेंट के माध्यम से हुआ। इस कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों से आए 

198 से अधिक प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। आत्म-जागरूकता, चिंतन और व्यावहारिक समाधान को केंद्र में रखकर आयोजित सत्रों ने न सिर्फ प्रतिभागियों को प्रेरित किया, बल्कि मीडिया का भी विशेष ध्यान आकर्षित किया।

यह आयोजन केवल एक दिन का सम्मिलन नहीं था, बल्कि पटियाला में एक गहरे और सतत मानसिक स्वास्थ्य आंदोलन की नींव थी—एक ऐसा संदेश जो प्रत्येक व्यक्ति को यह स्मरण कराता है कि सच्ची शक्ति बाहरी नहीं, बल्कि आंतरिक जागृति से जन्म लेती है।

कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ

आदरणीय डीजेजेएस प्रचारक डॉ. स्वामी सर्वेश्वर, साध्वी मनेंद्र भारती और स्वामी उमेशानंद के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित इस शुभारंभ समारोह ने विज्ञान, अध्यात्म और भावनात्मक जागरूकता का एक सुंदर समन्वय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की विविध गतिविधियाँ प्रतिभागियों को गहराई से छूने वाली रहीं:

पैनल चर्चा: आधुनिक जीवन की तेज़ रफ्तार में बढ़ते तनाव और मानसिक दबाव पर एक ईमानदार और अर्थपूर्ण संवाद, जिसने श्रोताओं को आत्ममंथन के लिए प्रेरित किया।
 

  • प्राणायाम सत्र: सरल लेकिन प्रभावशाली श्वास तकनीकों के माध्यम से मानसिक स्थिरता और दैनिक जीवन में शांति बहाल करने का अभ्यास।
  • आध्यात्मिक प्रवचन: मन की अशांति के मूल कारणों की गहन व्याख्या और आंतरिक चेतना को जागृत करने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया।
  • माइम एक्ट: शब्दों के बिना प्रस्तुत एक सशक्त नाट्य-अभिनय, जिसने मन के भीतर छिपे संघर्षों और भावनात्मक उथल-पुथल को गहराई से दर्शाया।

अतिथि योगदान: मानसिक स्वास्थ्य पर विशेषज्ञ दृष्टिकोणों की संगम

पटियाला में आयोजित मनोबलम अभियान के उद्घाटन समारोह को शहर के चिकित्सा, शैक्षिक और कॉर्पोरेट जगत के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की गरिमामयी उपस्थिति ने विशेष रूप से समृद्ध किया। अपने-अपने क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखने वाले इन अतिथियों ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े विविध पहलुओं पर महत्वपूर्ण विचार साझा किए:
 

  • डॉ. निधि गुप्ता, अध्यक्ष, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए), पटियाला ने मन और शरीर के गहरे संबंधों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कैसे मानसिक स्थिति का शारीरिक स्वास्थ्य पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
  • श्रीमती रजनी गुप्ता, मंडल प्रबंधक, पीएनबी मेटलाइफ ने आज के कॉर्पोरेट जीवन में भावनात्मक लचीलेपन की आवश्यकता और उससे जुड़े व्यवहारिक उपायों को प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया।
  • डॉ. रोहित गर्ग, एमडी (मनोचिकित्सा), राजिंद्र अस्पताल ने चिंता और मानसिक असंतुलन के नैदानिक पहलुओं को सरल और संवेदनशील भाषा में समझाया।
  • श्री संतोष शुक्ला, प्रधानाचार्य, डीपीएस पटियाला ने स्कूलों में मानसिक स्वास्थ्य शिक्षा को अनिवार्य बनाए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे आने वाली पीढ़ियाँ मानसिक रूप से अधिक सशक्त बन सकें।

इन सभी वक्ताओं ने न केवल ज्ञानवर्धक अंतर्दृष्टियाँ साझा कीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर सामाजिक समझ और संवेदनशीलता को भी एक नई दिशा दी।

उनकी सोच ने यह स्पष्ट कर दिया कि मानसिक स्वास्थ्य का दायरा केवल व्यक्तिगत प्रयासों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे समुदाय की साझा जिम्मेदारी है, जिसे मिलकर समझने, अपनाने और मजबूत करने की आवश्यकता है।

स्थायी परिवर्तन की दिशा में एक स्थानीय पहल

मनोबलम केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि डीजेजेएस आरोग्य द्वारा पटियाला में आरंभ की गई एक निरंतर चलने वाली जागरूकता यात्रा है। यह पहल समुदाय के हर वर्ग में आंतरिक शक्ति को जागृत करने और भावनात्मक संतुलन को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से समर्पित है, ताकि मानसिक स्वास्थ्य को एक स्थायी सामाजिक बदलाव में बदला जा सके।

स्कूली छात्रों से लेकर बुज़ुर्गों तक, समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखकर विशेष सत्रों का आयोजन इस अभियान की प्रमुख विशेषता है। इसका उद्देश्य है मानसिक स्वास्थ्य को केवल एक अवधारणा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के जीवन का सक्रिय और जागरूक हिस्सा बनाना।

क्योंकि जब पटियाला अपनी आंतरिक शक्ति को पहचानता और विकसित करता है, तो पूरा समुदाय सामूहिक रूप से सशक्त और समृद्ध बनता है।

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