Read in English

हर साल 21 जून को करोड़ों लोग कुछ पल के लिए रुकते हैं। वे अपनी योग मैट बिछाते हैं – सिर्फ शरीर को स्ट्रेच करने के लिए नहीं, बल्कि खुद से जुड़ने, दूसरों से जुड़ने, और इस धरती से जुड़ने के लिए।

DJJS AAROGYA organized 130+ Events across Globe on IYD 2025 - Yoga for One Health, One Earth

अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अब सिर्फ एक परंपरा या उत्सव नहीं रहा; यह पूरी दुनिया की एक साझा धड़कन बन गया है – एक ऐसी श्वास जो हमें सीमाओं और धर्मों से ऊपर उठकर जोड़ती है।

योग हमारे मन को शांति देता है, दिल को खोलता है, और हमें प्रकृति की लय में लाता है।

DJJS AAROGYA organized 130+ Events across Globe on IYD 2025 - Yoga for One Health, One Earth

यह कोई साधारण व्यायाम नहीं, बल्कि यह संतुलन में जीने का संकल्प है और धरती माँ के प्रति हमारे आभार की एक खूबसूरत अभिव्यक्ति भी है।

 

एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग: एक पृथ्वी के नीचे एकजुटता और समन्वय से रहते हुए स्वस्थ जीवन जियें।

इस साल, 2025 में 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। इसकी थीम है – "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग"।

हमारा व्यक्तिगत स्वास्थ्य उस धरती से सम्बंधित है जिस पर हम निवास करते हैं। जब हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हैं, तब वास्तव में हम अपनी पृथ्वी का भी ध्यान रख रहे होते हैं।

ये सोच भारत के G20 संदेश ‘वसुधैव कुटुंबकम’ – यानी "एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य" – से भी जुड़ती है।

यह थीम हमें याद दिलाती है कि हम सब एक ही परिवार का हिस्सा हैं। हमें मिलकर न सिर्फ अपने शरीर और मन की देखभाल करनी है, बल्कि पर्यावरण, एकता और जागरूक जीवनशैली की ओर भी बढ़ना है।

हमारा प्रभाव: पूरे देश और दुनिया तक पहुँच

योग दिवस 2025 के लिए डी.जे.जे.एस. ने ज़ोरदार अभियान चलाया, जिससे हज़ारों लोगों तक योग का संदेश पहुँचा।

●    भारत के 16 से ज़्यादा राज्यों में 130 से भी अधिक योग कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें 25,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया और लाभ उठाया।

●     चाहे वो गांव हों या शहर, हर जगह तक पहुँच बनाने की कोशिश की गई, ताकि हर कोई – चाहे किसी भी पृष्ठभूमि से हो – योग से जुड़ सके।

●    उत्तराखंड की पहाड़ियों से लेकर दिल्ली, जयपुर, नागपुर और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों तक, और रेवाड़ी, कोटकपूरा, सीतामढ़ी जैसे छोटे कस्बों तक,डी.जे.जे.एस. ने ये सुनिश्चित किया कि योग सिर्फ कुछ लोगों तक नहीं, बल्कि हर घर और हर दिल तक पहुँचे।

वैश्विक स्तर पर डी.जे.जे.एस. की मौजूदगी

डी.जे.जे.एस. ने योग दिवस 2025 के मौके पर अपनी पहुँच सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रखी – इसने दुनिया के कई देशों में भी लोगों को योग से जोड़ा।

ऑस्ट्रेलिया के पर्थ, मेलबर्न और ब्रिस्बेन

अमेरिका के फ्रेस्नो जैसे शहरों में भी जोश और उमंग के साथ योग सत्र आयोजित किए गए।

 

इन आयोजनों में स्थानीय समुदायों की शानदार भागीदारी देखने को मिली। प्रवासी भारतीयों और स्वास्थ्य को लेकर जागरूक लोगों ने इन सत्रों की दिल से सराहना की और योग के संदेश को अपनाया।

कुछ खास आँकड़े जो इस प्रभाव को दर्शाते हैं:

                                                           

क्षेत्र

आयोजित शिविरों की संख्या 

लाभार्थी

पंजाब (अमृतसर, नूरमहल, लुधियाना आदि)

30+  

10000+

राजस्थान (जयपुर, श्री गंगानगर)

15+   

4000+

उत्तर प्रदेश (मेरठ, आगरा, नोएडा, गाज़ियाबाद)

20+   

8000+

महाराष्ट्र (नागपुर, चाकण)          

10+ 

1000+

दिल्ली-एनसीआर व चंडीगढ़ (रोहिणी, कड़कड़डूमा आदि)   

9+        

1500+

अन्य राज्य (बिहार, गुजरात, असम)  

 20+   

5000+

इन आँकड़ों के पीछे सिर्फ संख्याएँ नहीं, बल्कि हजारों मुस्कानें, जागरूकता और सेहत की ओर बढ़ते कदम l 

 

सरकारी मान्यता और DJJS अभियान का असर

डी.जे.जे.एस. को योग, स्वास्थ्य और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने के लिए सरकारी स्तर पर खूब सराहा गया है। इस संगठन ने दिखाया है कि कैसे हर साँस में सेहत, संतुलन और सादगी को अपनाया जा सकता है।

हमें मिली महत्वपूर्ण मान्यताएँ:

  • आयुष मंत्रालय और राजस्थान सरकार से मिला योग में उत्कृष्ट योगदान के लिए पुरस्कार।
  • कई राज्य सरकारों, सरकारी संस्थाओं और ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास से प्रशंसा-पत्र और सम्मान।
  • भारत सरकार द्वारा 60 से अधिक 'योग संगम' प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
  • DJJS के सभी कार्यक्रम आधिकारिक रूप से 'योग संगम पोर्टल' पर भी पंजीकृत हैं।
  • छावनी बोर्ड, जालंधर ने DJJS की 7-दिवसीय योग श्रृंखला के लिए एक विशेष प्रशंसा-पत्र प्रदान किया। 

#Take365YogaDayChallenge के ज़रिए लोगों को हर दिन योग करने की प्रेरणा मिली –

चाहे वो आसान प्राणायाम हो, ध्यान, या केवल दिन भर संतुलन और शांति बनाए रखना।

 क्योंकि DJJS में योग कोई एक दिन का अभ्यास नहीं, बल्कि एक जीने का सलीका है।

Subscribe Newsletter

Subscribe below to receive our News & Events each month in your inbox