आज के अत्यंत व्यस्त और दौड़-भाग से भरे जीवन में यदि कोई मन को सुकून देने वाला उत्तम विकल्प नज़र आता है, तो वह हैं- किताबें| ये तनाव के स्तर को कम कर मन को एक नई दिशा प्रदान कर सकती हैं| इसीलिए, जन-मानस को अध्यात्म से जोड़ने और तनाव प्रबंधन हेतु दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने 6 से 12 जनवरी, 2024 तक गुजरात में आयोजित राष्ट्रीय पुस्तक मेला, 2024 में भाग लिया। यह मेला जी.एम.डी.सी ग्राउंड, गुजरात यूनिवर्सिटी ग्राउंड, अहमदाबाद में आयोजित किया गया था जिसमे संस्थान को स्टॉल नंबर 8 नियुक्त की गयी|

विभिन्न क्षेत्रों से और विभिन्न आयु वर्ग के उत्साही पाठक अपनी आध्यात्मिक ज्ञान की खोज को पूरा करने हेतु पुस्तक मेले में पहुंचे। जन साधारण के लिए अध्यात्म को समझना सदा ही एक जटिल विषय रहा है| धर्म-ग्रंथों में निहित अध्यात्म के गूढ़ रहस्यों को अनुभवी संत ही सरलता से उपलब्ध कराते हैं| श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में संतों द्वारा रिसर्च किया गया संस्थान का साहित्य जो कि विभिन्न भाषाओँ में उपलब्ध है; अध्यात्म के प्रचार-प्रसार में एक अहम् भूमिका निभा रहा है| संस्थान का साहित्य समस्त धार्मिक ग्रंथों-शास्त्रों के गूढ़तम रहस्यों को उद्धरण सहित सरल भाषा में प्रस्तुत करता है| इस पुस्तक मेले में अखंड ज्ञान, दिव्य ज्ञान प्रकाश, इनसाइटफुल चैट्स, माइंड-द डबल एज स्वोर्ड, सर्च ऑफ़ ट्रुथ, समाधि, चैतन्य जैसी पुस्तकें प्रमुख आकर्षण थीं।
श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारकों और शिष्यों ने पुस्तक मेले में आगंतुकों को आत्म-ज्ञान (ब्रह्मज्ञान) का संदेश देने हेतु नि:स्वार्थ रूप से अपनी सेवा प्रदान की| उन्होंने आगंतुकों को दैनिक जीवन में अध्यात्म की आवश्यकता व इससे होने वाले अनगिनत लाभों के विषय में समझाया। आज हर कोई इस बात से सहमत है कि मनुष्य की इच्छाएँ एक अंतहीन दौड़ हैं। एक पूरी होती है तो मन में दूसरी इच्छा प्रकट हो जाती है| परन्तु एक इच्छा के बाद दूसरी इच्छा के पीछे भागना ऐसा ही है मानो आग में और ईंधन डालना| इससे आग तो बुझेगी नहीं बल्कि अपनी आतंरिक शांति भी कहीं विलुप्त हो जायेगी| हमारे धर्म-ग्रंथ ऐसे अनगिनत उदाहरणों से भरे हुए हैं जो इस तथ्य को स्पष्ट करते हैं कि केवल अध्यात्म ही "सुखी व शांत जीवन की खोज" पर विराम लगा सकता है। समस्त धर्म-ग्रंथों का कथन है कि ब्रह्मज्ञान आधारित निरंतर ध्यान-साधना ही मात्र ऐसा साधन है जो एक मानव को परम आनंद की अवस्था प्रदान करने में सक्षम है।

डी.जे.जे.एस के स्टॉल ने प्रदर्शकों, संपादकों, लेखकों, आध्यात्मिक जिज्ञासुओं और साहित्य प्रेमियों को practical spirituality (व्यवहारिक-अध्यात्म) की ओर आकर्षित किया। उन्होंने सत्य के संदेश के प्रचार-प्रसार के लिए डी.जे.जे.एस के नि:स्वार्थ प्रयासों की अत्यधिक सराहना की।