30 जुलाई, 2023 को इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम, नई दिल्ली में PEACE प्रोग्राम द्वारा दिव्य ध्यानोत्सव – Mega Meditation Meet का आयोजन किया गया।
DJJS के ब्रह्मज्ञानी साधकों के लिए आयोजित इस कार्यक्रम में सैकड़ों सदस्यों की उत्साही भागीदारी देखी गई। इन्होंने अपने आध्यात्मिक आधार को सुदृढ़ करने हेतु प्रचुर प्रेरणा प्राप्त की।
इस आयोजन में ध्यान के सर्वोच्च विज्ञान – ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना की सैद्धांतिक और व्यावहारिक रूप से चरण-दर-चरण पुनरावृत्ति करवाई गई। इस शाश्वत तकनीक की खोज और अग्रणी दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व प्रमुख दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी ने की है।
दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शिष्याओं व PEACE प्रोग्राम की समनव्यिकाओं की अध्यक्षता में पुनरावृत्ति प्रक्रिया के क्रमिक रूप से आयोजित सत्रों द्वारा सहभागियों ने स्वयं को आत्मिक रुप से पुष्ठ और संतुष्ट अनुभव किया।
स्व विश्लेषणम् – अपनी आध्यात्मिक आयु का आकलन, नामक पहला सत्र, साध्वी डॉ. निधि भारती जी द्वारा लिया गया। इसमें उन्होंने कुछ साँस लेने की प्रक्रियाएँ सिखाईं और मनोवैज्ञानिक गतिविधियाँ आयोजित कीं।
तन शोधनम् सत्र– ध्यान करने से पूर्व की तैयारी, में साध्वी परमा भारती जी ने खान-पान की आदतों, जीवनशैली, सोने के तरीके और अच्छी तरह से ध्यान करने के लिए आवश्यक उचित समय सारणी पर विस्तृत चर्चा की।
तत्पश्चात, सत्र भाव शोधनम् – गुरु से आन्तरिक सम्बन्ध, में साध्वी मणिमाला भारती जी ने हमारे पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की उच्च आवृत्ति व शक्तिशाली दिव्य तरंगों के साथ स्वयं को संरेखित करने का महत्व उजागर किया। इसके बाद श्री आशुतोष महाराज जी को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए एक शानदार कथक नृत्य का प्रदर्शन किया गया।
साध्वी जी ने सत्र आसन शोधनम् – ध्यान में बैठने की उचित मुद्रा, में ज्ञान मुद्रा तकनीक भी सिखाई। उन्होंने स्पष्ट किया कि सही ज्ञान मुद्रा लगाने से ध्यान के दौरान बना सर्किट आरेख पूरा होता है।
अगले सत्र, प्राण शोधनम् – आदि-नाम का अभ्यास, में साध्वी डॉ. निधि भारती जी ने प्रतिभागियों को व्यावहारिक रूप से आदि नाम के सुमिरन की शक्तिशाली मौलिक तरंग पर ध्यान लगाने पर प्रकाश डाला।
उस के बाद साध्वी तपेश्वरी भारती जी द्वारा लिए गए सत्र – मन शोधनम् – आज्ञा चक्र पर ध्यान लगाना, में प्रतिभागियों ने सकारात्मकता के दिव्य स्रोत - तृतीय नेत्र पर ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया को फिर से सीखा।
प्रतिभागियों को ब्रह्मज्ञान की ध्यान – साधना की अन्य आवश्यक तकनीकें भी पुनः सिखाईं गईं।
अंतिम सत्र, आनंद नृत्यम् – नृत्य उत्सव की अध्यक्षता साध्वी रुचिका भारती जी ने की। आध्यात्मिक गुरु की अद्वितीय अनुकम्पा को स्मरण करते हुए प्रतिभागियों ने उत्सव मनाया और पूरे जोश के साथ भक्ति धुनों पर नृत्य किया।
कार्यक्रम का समापन दिव्य गुरुदेव की भव्य आरती के साथ हुआ और सभी भक्तों ने उन्हें हार्दिक श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।
ब्रह्मज्ञान की साधना का यह संपूर्ण पैकेज सभी के लिए आनंद और बहुत कुछ सीखने के क्षण लेकर आया।