मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान का सम्पूर्ण शिक्षा प्रकल्प है जो अभावग्रस्त बच्चों को मूल्याधारित शिक्षा प्रदान कर रहा है।
मंथन-सम्पूर्ण विकास केन्द्र द्वारा संस्कारnival- बचपन का पर्व, भारत का गर्व नामक एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसे बड़े हर्षौल्लास के साथ दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान की अनेक शाखाओं जैसे विकासपुरी, दिल्ली ने 15 अप्रैल २०२३, गाज़ियाबाद, उत्तर प्रदेश ने २६ फरवरी २०२३, चाकण, महाराष्ट्र ने ११ मार्च २०२३, पिथोरागढ़, उत्तराखण्ड ने 23 मार्च २०२३, लातूर, महाराष्ट्र ने १९ मार्च २०२३, अलीगढ़, उत्तर प्रदेश ने 30 मार्च २०२३ एवं फरीदाबाद, हरियाणा ने १६ अप्रैल २०२३ को अपने-अपने क्षेत्रों में आयोजित किया। इस कार्यक्रम में संस्कारशाला 2022-23 के प्रतिभागी बच्चों को प्रमाणपत्र भी दिए गए। विकासपुरी, दिल्ली में श्री मनीष, विभाग प्रचारक, आर.एस.एस., श्री देवेन्द्र मोहन कात्याल, पूर्व निगम पार्षद, तिलक नगर, नई दिल्ली एवं श्री गिरीश सैनी, अध्यक्ष सुंदर विहार सोसाइटी एवं चाकण, महाराष्ट्र में श्रीमती सुनीता शरद बुत्ते, प्रधानाचार्या, लर्निंग ट्री अंग्रेजी माध्यम स्कूल, वरले, पुणे कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि संस्कारनिवल में उपस्थित रहे। साथ ही संस्थान के अनेक प्रचारक जन स्वामी चिदानन्द, साध्वी श्यामा भारती, साध्वी अन्नपूर्णा भारती, साध्वी भक्ति प्रभा भारती, साध्वी वेदवाणी भारती, साध्वी श्वेता भारती एवं साध्वी भावना भारती ने भी अपनी पावन उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढा़ई। संस्कारनिवल में लगभग १००० से भी अधिक बच्चों ने भाग लिया जिसमें बच्चों ने खेल-खेल में नैतिक मूल्यों के विभिन्न अंगों को सीखा।
संस्कारनिवल के प्रत्येक सत्रों में गत सभी संस्कारशालाओं से कुछ प्रेरणात्मक सत्रों को प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का आरम्भ प्रफ्फुल्लित संस्कारशाला से प्रेरित हास्य योग के सत्र से किया गया, इसमें बच्चों ने प्रत्येक परिस्तिथि में सकारात्मक सोच और हमेशा प्रसन्न रहना सीखा। इसके उपरान्त, पौष्टिक संस्कारशाला से प्रेरित सत्र में बच्चों ने सैन्डविच, नीम्बू पानी और लड्डू बनाए। बच्चों द्वारा बनाए गए इन स्वादिष्ट व्यंजनों की गतिविधि से सभी को स्वस्थ रहनें की सीख मिली। प्रेरणात्मक संस्कारशाला से प्रेरित हो बच्चे भगवान श्री राम, भगवान श्री कृष्ण, माता दुर्गा, माता सरस्वती, माता लक्ष्मी, भगत सिंह, रानी लक्ष्मी बाई, सरोजिनी नायडू आदि आदर्शों के रूप में तैयार हो कर आए। सभी बच्चों को विभिन्न गतिविधियों में भाग लेने के लिए विधिवत पुरस्कृत भी किया गया।
कार्यक्रम समाप्ति की ओर ले जाते हुए बच्चों को गुल्लक वितरित भी की गई ताकि वे इस गुल्लक में अपने खर्च में से एक छोटा हिस्सा बचाएँ और संग्रहित मूल्य को अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षार्थ दान करने की श्रेष्ठ आदत को अपनाएँ। इस भव्य कार्यक्रम का समापन बच्चों और कार्यकर्ताओं के ग्रुप फोटो सत्र के साथ हुआ।