दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ("डीजेजेएस") द्वारा जोधपुर (राजस्थान), बरेली (यूपी), मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया), ब्रिस्बेन (ऑस्ट्रेलिया), आदि के साथ साथ विश्वभर में स्थित विभिन्न शाखाओं में भारतीय नववर्ष 2023 (विक्रम संवत 2080) बड़े जोश व उत्साह से मनाया गया। कार्यक्रम में भाग लेने तथा आध्यात्मिक विकास हेतु बड़ी संख्या में श्रोतागण एकत्रित हुए। कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मंत्रोच्चारण के साथ हुआ, उसके बाद हवन यज्ञ, सुमधुर दिव्य भजनों एवं आध्यात्मिक प्रवचनों को प्रस्तुत किया गया।
आज भी विश्व में ऐसे बहुत से समुदाए हैं जिन्हें भारतीय नववर्ष के महत्व के बारे में जानकारी नहीं है। संस्थान श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में समृद्ध भारत की उच्च विरासत के बारे में सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से समाज को शिक्षित कर रहा है। भारतीय नववर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के पहले दिन मनाया जाता है। इस दिन को नए वर्ष की नई शुरुआत एवं शुभ मुहूर्त के रूप में भी माना जाता है। इस वर्ष, विक्रम संवत 22 मार्च, 2023 को आरंभ हुआ। इतिहासकारों के अनुसार, प्राचीन हिंदुओं द्वारा भारत में उपयोग किए जाने वाले पारंपरिक कैलेंडर- विक्रम संवत को अब के प्रसिद्ध ग्रेगोरियन कैलेंडर से 57 वर्ष आगे माना जा रहा है। भारतीय नववर्ष के बारे में ऐसे रोचक तथ्य जानकर लोग मंत्रमुग्ध हो गए और इसकी सांस्कृतिक-सामाजिक-आध्यात्मिक महानता को अपना लिया।
यही नहीं, कार्यक्रमों में ईश्वर पिपासुओं में भक्ति जिज्ञासा को भी बढ़ाया गया तथा श्रद्धालुओं ने नववर्ष के इस शुभ अवसर पर भक्ति मार्ग पर दृढ़ता से चलने तथा समाज में शाश्वत विज्ञान ‘ब्रह्मज्ञान” का प्रचार-प्रसार करने हेतु संकल्प भी लिया! गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी यह प्राय: कहा करते है कि ब्रह्मज्ञान द्वारा ही ईश्वर का अंतर जगत में आत्म-साक्षात्कार कर मानव सत्य मार्ग का पथिक बन सकता है। अपने जीवन के कल्याण के साथ साथ सम्पूर्ण विश्व में शांति स्थापित करने में भी अपना योगदान देकर समाज में फैल रही कुरीतियों, नकारात्मक ऊर्जा को ख़त्म कर सकता है! कार्यक्रम का समापन मंगल आरती व प्रसाद वितरण के साथ हुआ।