जन-जन को श्री कृष्ण की दिव्य विचारधाराओं से जोड़ने व उनकी दिव्य लीलाओं से संबंधित मिथ्या धारणाओं का रहस्योद्घाटन करने हेतु, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) द्वारा संभवामि युगे युगे – श्री कृष्ण को मानें ही नहीं, जानें भी! शीर्षक के तहत 6 और 7 सितंबर, 2023 को डीडीए ग्राउंड, सेक्टर-10, द्वारका, नई दिल्ली में भव्य स्तर पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मनाया गया, जिसमें असंख्य श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। इस विलक्षण दो दिवसीय सामाजिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम में विभिन्न प्रसिद्ध विभूतियों की उपस्थित देखी गई, जैसे कि श्रीमती स्मृति ईरानी, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, डब्ल्यूसीडी और एमओएमए मंत्रालय, श्री सोम प्रकाश, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री, श्री बी. एल. संतोष, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री, बीजेपी, श्री आलोक कुमार, अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, श्री विजय सांपला, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष, बीजेपी, श्री पवन राणा, दिल्ली संगठन महामंत्री, बीजेपी, श्री पवन शर्मा, सह प्रभारी असम, बीजेपी, श्री रमेश बीधूड़ी, सांसद दक्षिणी दिल्ली लोकसभा, बीजेपी, श्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा, सांसद पश्चिमी दिल्ली लोकसभा, बीजेपी, श्री योगेन्द्र चंदोलिया, महामंत्री व प्रभारी उत्तर पश्चिमी लोकसभा दिल्ली, बीजेपी, श्री वीरेंद्र सचदेवा, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष, बीजेपी, सुश्री बांसुरी सुषमा स्वराज, महासचिव दिल्ली, भाजपा, श्री कपिल खन्ना, दिल्ली प्रांत अध्यक्ष, विश्व हिंदू परिषद, श्री जगदीश यादव, अध्यक्ष दिल्ली ओबीसी कमिशन दिल्ली सरकार, बीजेपी, श्री श्याम जाजू, पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, बीजेपी इत्यादि।
इस भव्य दो दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के ब्रह्मज्ञानी वेदपाठी शिष्यों द्वारा शुक्ल यजुर्वेद रुद्रष्टाध्यायी के वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ किया गया।
अन्य जन्माष्टमी कार्यक्रमों से अलग, डीजेजेएस का जन्माष्टमी कार्यक्रम श्री कृष्ण लीलाओं पर आधारित नृत्य-नाट्य प्रस्तुतियों व उनमें निहित आध्यात्मिक मर्मों को उजागर करते दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्यों के ओजस्वी विचारों की सुंदर विलक्षण प्रस्तुति रहा। लहराते भगवा झंडों, तिरंगों व श्रीकृष्ण के जयकारों की गूंज के मध्यस्थ जी20 के मुख्य विषय- ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ पर आधारित वेदांतिक मॉडल का संस्थान के भगवाधारी सन्यासियों व युवा कार्यकरताओं द्वारा डिजिटल उद्घाटन जन्माष्टमी कार्यक्रम की विशेषता रहा। इस उद्घाटन को 3000 वर्ग फुट की एलईडी स्क्रीन से बने पूर्ण डिजिटल मंच एवं पंडाल में स्थापित विशाल 10 एलईडी स्क्रीनस पर प्रदर्शित किया गया। इस मॉडल में जी20 की कार्यावली में अंकित प्रासंगिक पहलुओं, जैसे कि पर्यावरण संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, संस्कृति संवर्धन एवं संरक्षण इत्यादि को साधने हेतु वेदों के सनातन एवं समय-परीक्षणित ज्ञान पर आधारित प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए।
इस दो दिवसीय कार्यक्रम में श्री कृष्ण के जीवन पर आधारित प्रेरणादायक लीलाओं को 15 नृत्य-नाट्य व नाटक प्रस्तुतियों के माध्यम से दर्शाया गया। कार्यक्रम के मुख्य आकर्षण रहे- ‘श्री कृष्ण द्वारा आततायी कसं का वध’, ‘16वीं सदी के कृष्ण भक्त सूरदास जी द्वारा वर्णित राम कथा’, ‘चैतन्य महाप्रभु की जीवन गाथा’, ‘समाज-सुधारक मीरा बाई की भक्तिमयता’, ‘भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव’ इत्यादि। डीजेजेएस प्रवक्ता साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने बताया कि ‘यह विलक्षण प्रस्तुतियाँ दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के 250 से अधिक अवैतनिक, निःस्वार्थ व आत्म जागृत स्वयंसेवकों द्वारा मंचित की गई। जो विभिन्न विद्यालयों, महाविद्यालयों, संस्थानों व कार्यालयों में कार्य करते हैं एवं जिनका चयन पात्र की अभिव्यक्ति, शारीरिक हाव-भाव, गठन व आयु जैसे सूक्ष्म विवरणों को ध्यान में रखते हुए किया गया। इन नाट्यों को भारतीय सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुतियों जैसे कि ओडिसी, छऊ, कथक, बंगाली, राजस्थानी, फ्यूजन नृत्य इत्यादि के साथ शृंखलित किया गया।’ मंच की पवित्रता संबंधित तथ्यों से अवगत कराते हुए उन्होंने बताया कि ‘सभी कलाकार अपनी प्रस्तुति से पहले ध्यान-साधना करते हैं। और प्रस्तुतियों में पति-पत्नी की भूमिका के लिए वास्तविक दम्पतियों को ही चुना गया है।’
कार्यक्रम में प्रस्तुत भजनों की रूपरेखा, लेखन व रचना पूर्ण रूप से डीजेजेएस द्वारा की गई। स्वामी हितेन्द्रानन्द जी, डीजेजेएस व जन्माष्टमी कार्यक्रम के संगीत निर्देशक के अनुसार, ‘संगीत को ब्रिटिश मानकों के अनुसार 440 हर्ट्ज पर लय-बद्ध न करते हुए, डीजेजेएस ने अपने सभी वाद्ययंत्रों को सनातन भारतीय संगीत विज्ञान के अनुसार 432 हर्ट्ज पर लय-बद्ध किया। यह प्रकृति के अनुकूल होने के साथ-साथ ऐसी तरंगों को उत्पन्न करता है जो मानवीय भावनाओं के नवरस के साथ तादात्म्य होती हैं। अतः श्रोताओं को सर्वोत्तम मानसिक स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।’
इसके अतिरिक्त, डीजेजेएस के 20-25 समर्पित, विद्वत व प्रतिभावान साध्वियों व स्वामियों ने श्री कृष्ण जीवन से संबंधित सत्य को उजागर करते, वैज्ञानिक व तथ्यात्मक व्याख्यानों द्वारा श्री कृष्ण लीलाओं से जुड़ी मिथ्या धारणाओं पर कुठाराघात व सनातन धर्म की पवित्रता को प्रमाणित किया।
डीजेजेएस प्रवक्ताओं ने समझाया कि श्री कृष्ण को केवल मानने तक ही सीमित न रहें अपितु ईश्वर का प्रत्यक्ष अनुभव करें, जैसा अर्जुन ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में श्री कृष्ण के विश्वरूप का किया था। ईश्वर प्राप्ति के शाश्वत विज्ञान- ब्रह्मज्ञान का विस्तारपूर्वक विवरण देते हुए उन्होंने उपस्थित सभी आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को ब्रह्मज्ञान में दीक्षित हो अपने अंतःकरण में कृष्ण तत्व की अनुभूति का आह्वान किया।
जी20 सम्मेलन की मुख्य कार्यावली को ध्यान में रखते हुए, उपस्थित दर्शकों को पर्यावरण संरक्षण के प्रति संवेदनशील बनाने हेतु कार्यक्रम के प्रथम दिवस विशेष व्याख्यान ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफ)’ का आयोजन किया गया। इसमें ज्वलंत मशालों के मध्यस्थ एक विशाल प्रतिज्ञा समारोह का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत उपस्थित असंख्य दर्शकों ने अपनी जीवन-शैली में अपेक्षित बदलाव करने की प्रतिज्ञा ली।
इस भव्य व विशाल कार्यक्रम को पंडाल में तैनात 1500 से अधिक पूर्ण रूप से प्रशिक्षित स्वयंसेवकों व सुरक्षा कर्मियों द्वारा संरक्षित व प्रबंधित किया गया। लगभग 350 फीट क्षेत्र भगवान श्री कृष्ण के जीवन से संबंधित विभिन्न झांकियों के लिए समर्पित किया गया। इन झांकियों का मुख्य विषय रहा: ‘कृष्ण लीलाओं में सहभागिता का अवसर प्राप्त करें’, जिसके माध्यम से उपस्थित श्रद्धालुजन भगवान कृष्ण की लीलाओं में सांस्कृतिक रूप से सम्मिलित हो पाए। साधारणतः झांकियों में मात्र दूर से ही दर्शन संभव होते हैं, परंतु डीजेजेएस की इन विलक्षण झांकियों ने दर्शकों को भगवान कृष्ण की दिव्य लीलाओं में सहभागी बनने का सुअवसर प्रस्तुत कर एक विशेष अनुभव प्रदान किया।
कार्यक्रम के प्रथम दिवस श्रीमती स्मृति ईरानी जी, केंद्रीय कैबिनेट मंत्री, डब्ल्यूसीडी और एमओएमए मंत्रालय, द्वारा विशेष संबोधन दिया गया।
गोकुलाष्टमी का द्वितीय दिवस भगवान कृष्ण की आरती व उनके जन्म दिवस के आनंदोत्सव के साथ समाप्त हुआ। इस भव्य कार्यक्रम का डीजेजेएस के आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर 7 सितम्बर 2023 को सायं 7 बजे से सीधा प्रसारण भी किया गया, जिसे पहले 24 घंटों में विश्व भर से 1.5 लाख से भी अधिक दर्शकों द्वारा देखा गया।
कार्यक्रम को प्रमुख प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे– हिंदुस्तान टाइम्स, नवभारत टाइम्स, टाइम्स ऑफ इंडिया, डेक्कन हेराल्ड, विऑन, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई: वायर एजेंसी), एबीपी लाइव, दैनिक जागरण, दी क्विन्ट, नवोदय टाइम्स, पंजाब केसरी, एमएसएन, दैनिक सवेरा इत्यादि द्वारा व्यापक उल्लेख भी प्राप्त हुआ।
कार्यक्रम को उपस्थित गणमान्य अतिथियों व दर्शकों ने बहुत सराहा व प्रस्तुत विलक्षण नृत्य-नाट्यों और ज्ञानवर्धक प्रवचनों से मंत्रमुग्ध दिखे।
डीजेजेएस जन्माष्टमी कार्यक्रम की अधिक जानकारी के लिए देखें- shrikrishnajanmashtami.com