भगवान श्री कृष्ण की दिव्य शिक्षाओं एवं शाश्वत आत्मज्ञान के संदेश को भक्तों तक पहुँचाने हेतु, गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव भव्य स्तर पर पूर्ण उत्साह से मनाया गया। इस संदर्भ में डीजेजेएस द्वारा अपनी विभिन्न शाखाओं, मुख्य रूप से फ्रेस्नो (कैलिफ़ोर्निया), जयपुर (राजस्थान), कपूरथला (पंजाब), लुधियाना (पंजाब), तरन तारन (पंजाब), अमृतसर (पंजाब) आदि में श्री कृष्ण जन्माष्टमी (अगस्त 2022) के भव्य आयोजन किए गए। कार्यक्रमों में भारी संख्या में श्रद्धालुओं की उपस्थिति देखी गई।
डीजेजेएस के प्रतिनिधियों ने आध्यात्मिक प्रवचनों व भजनों के माध्यम से श्री कृष्ण लीलाओं में निहित आध्यात्मिक रत्नों को बड़े रोचक व सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया। जिनमें भगवान श्री कृष्ण की उद्घोषणाओं का वह सार निहित था, जो द्वापर युग में भी प्रासंगिक थी और वर्तमान परिवेश में भी अत्यंत महत्व रखती हैं। भगवान श्री कृष्ण के विचार व जीवन सकारात्मकता की पराकाष्ठा को दर्शाते हैं। अपनी दिव्य लीलाओं के माध्यम से श्री कृष्ण ने हमें जीवन जीने की कला व अपने वास्तविक स्वरूप को जानकर सच्चे सुख और आनंद की अनुभूति का मंत्र सिखाया है। जगत गुरु की भूमिका में श्री कृष्ण ने पूर्ण समर्पण व भक्ति भाव से पूरित भक्तों को अपने प्राचीन शाश्वत ज्ञान से अवगत कराया।
‘ब्रह्मज्ञान’ की शाश्वत विज्ञान विधि की महत्ता को दर्शाते हुए डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने समझाया कि कैसे ब्रह्मज्ञान की विशुद्ध आध्यात्मिक अग्नि व्यक्ति को ‘आत्म जागरण’ और 360-डिग्री रूपांतरण की ओर अग्रसर करती है। ध्यान नकारात्मक विचारों व भावों से मुक्ति प्राप्त करने में एक अपरिहार्य दिव्य यंत्र की तरह कार्य करता है। जो हमारे आंतरिक विषय-वासनाओं को विनष्ट कर हमें जीवन के सभी लक्ष्यों और चुनौतियों का सामना करने में सशक्त व परिपक्व बनाता है।
आत्म-जागरण की वैज्ञानिक प्रासंगिकता की ओर संकेत करते हुए, डीजेजेएस प्रतिनिधियों ने समझाया कि हमें ऐसे तत्त्वदर्शी सतगुरु की शरण प्राप्त करनी चाहिए जो आत्म-आविष्कार की यात्रा में हमारा मार्गदर्शन कर सकें। समय के संत, श्रद्धेय श्री आशुतोष महाराज जी ने विश्वभर में लाखों जीवात्माओं में ब्रह्मज्ञान का दीप प्रज्वलित कर उनके भीतर आध्यात्मिक जाग्रति का बिगुल बजाया है और आत्म-रूपांतरण द्वारा उनके जीवन को आनंदमयी बनाया है।
कार्यक्रम ने उपस्थित श्रद्धालुओं में नूतन आध्यात्मिक शक्ति का संचार कर आंतरिक शांति की लहर को प्रवाहित किया। अतः श्री कृष्ण जन्माष्टमी 2022 उत्सव, भक्तों में आध्यात्मिक उत्साह को संचारित करने में सफल सिद्ध हुआ।