दीवाली के सामाजिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक महत्त्व को दोहराते हुए दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा स्थापित एवं संचालित दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 4 नवम्बर 2021 को संस्थान के दिल्ली स्थित दिव्यधाम आश्रम में पटाखा मुक्त, प्रकृति अनुकूल दिव्य दिवाली मनाई गयी।प्राचीन प्रकृति अनुकूल परम्पराओं के अनुरूप, समस्त आश्रम को हजारों दीयों से व रसायन मुक्त, खाद्य- आधारित रंगों व पुष्पों से बनी रंगोलियों से सजाया गया। श्री आशुतोष महाराज जी द्वारा ब्रह्मज्ञान में दीक्षित, अंतर्घट में ईश्वर दर्शन को प्राप्त किए हुए हजारों भक्त दीपावली के विशेष संध्या पूजन में सम्मिलित हुए और सामूहिक रूप से उन्होंने समाज के कल्याण व् अध्यात्मिक उत्थान हेतु प्रार्थना अर्पित की।
दीपावली देश भर में सबसे प्रतीक्षित व भव्य रूप से मनाये जाने वाला त्यौहार है जो अपने आप में असत्य पर सत्य की, बुरे पर अच्छाई की व अज्ञानता के अन्धकार पर ज्ञान के प्रकाश की विजय का प्रतीक है। परन्तु गत वर्षों में बाहरी रूप से तो या त्योहार भव्य होता गया परन्तु इसमें निहित गूढ़ अध्यात्मिक सन्देश कहीं खो सा गया। यही कारण है कि आज यह पर्व समाज, संस्कृति व पर्यावरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित करने वाले असंख्य कुरीतियों से घिरा है। संसाधनों का बेहिसाब प्रयोग, सजावट हेतु प्लास्टिक का अत्यधिक प्रयोग, मनोरंजन हेतु पटाखे, जुआ व नशा कुछ ऐसे कुप्रथाएं हैं जो इस पर्व की गरिमा को कलंकित करती है।
समाज को एक बार पुनः ऋषि मनीषियों द्वारा निर्मित दीपावली पर्व से जुड़ीं पुण्य परंपराओं से परिचित करने हेतु दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी के दिव्य मार्गदर्शन में संस्थान गत कई वर्षों से इस पर्व को इसके विशुद्ध सांस्कृतिक रूप में मनाता रहा है।
पिछले कुछ वर्षों से, संस्थान के पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प - संरक्षण व नशा मुक्ति प्रकल्प - बोध के अंतर्गत संस्थान नशा व प्रदुषण मुक्त दीपावली को प्रतिपादित करती – जागो नामक एक विशेष मुहीम चला रहा है।
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