दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान (डीजेजेएस) ने महर्षि सूचना प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नोएडा परिसर में अयोध्या शोध संस्थान, संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश व पर्यटन एवं संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश के सहयोग से 25 फरवरी 2023 को आयोजित रामायण सम्मेलन में भाग लिया।

डीजेजेएस प्रतिनिधि साध्वी दीपिका भारती जी ने वैज्ञानिक तरीके से आज के समय में रामायण की महत्वता को समझाया। उन्होंने समुचित रूप से कहा कि राम- ‘राइट एक्शन मैन’ हैं। सांसारिक, अध्यात्मिक और नैतिक- तीनों ही दृष्टियों से उनका प्रत्येक कार्य सदैव सही रहा है। इसलिए ही समाज ने उन्हें एक आदर्श के रूप में स्वीकार किया। वह एक अनुकरणीय पुत्र, भाई, पति, पिता, नेता, राजा व उस समय के महान योद्धा होने के साथ-साथ सत्य और धर्म के रक्षक भी थे। अपने जीवन के कठिन समय में भी खुद को संभाले रखा और संघर्ष किया। उन्होंने एक ऐसे राम राज्य को स्थापित किया जहां कोई चोरी या संघर्ष नहीं था, लोग खुश, संतुष्ट व आध्यात्मिक थे। श्री राम वास्तव में संपूर्ण मानव जाति के लिए एक प्रेरणा हैं। साध्वी जी ने इन दिनों समाज में प्रचलित श्रीराम के जीवन से जुड़े कई मिथकों जैसे अग्निपरीक्षा, बाली-वध, सीता का अयोध्या छोड़ना आदि पहलुओं पर भी प्रकाश डाला।
उन्होंने श्रोताओं को यह भी बताया कि यूँ तो श्रीराम जो इस धरा पर शांति व धर्म की स्थापना के लिए अवतरित हुए थे, परन्तु उन्होंने भी आध्यात्मिकता के उसी मार्ग का अनुसरण किया जो समय के पूर्ण आध्यात्मिक गुरु की शरणागत प्राप्त करने की बात करता है। इसलिए यह प्रमुखता से दो मुख्य बिंदुओं को दर्शाता है- (1) अध्यात्म समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण है (2) आध्यात्मिक जागृति के लिए महत्वपूर्ण है कि मनुष्य को समय के पूर्ण सतगुरु की शरण लेनी चाहिए जो उसे दिव्यता के आंतरिक सागर से जोड़ सकें। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ब्रह्मज्ञान (ईश्वरीय ज्ञान) विश्व में प्रचलित सभी समस्याओं की कुंजी है क्योंकि यह मानव के मन पर काम करता है, जो सभी समस्याओं का मूल कारण है। हमारे शास्त्रों में ऐसे कितने ही उदाहरण हैं जो ब्रह्मज्ञान के प्रभाव पर जोर देते हैं। ये एक डाकू व हत्यारे को भी संत में परिवर्तित करने की क्षमता रखता है।

अंत में डीजेजेएस प्रतिनिधि ने बताया कि हमें ये बताते हुए बहुत गर्व महसूस होता है की हमें पूर्ण सतगुरु के रूप में दिव्य गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की शरण प्राप्त हुई है जिन्होंने न केवल इस ब्रह्मज्ञान के दुर्लभ विज्ञान में महारत हासिल की है, बल्कि इसे जन जन के लिए सुलभ भी बना दिया है। इससे दुनियाभर में लाखों-लाखों लोगों को लाभ मिला है। डीजेजेएस के द्वार अध्यात्म के आकांक्षीयों व सत्य और शांति की खोज करने वालों के लिए हमेशा खुले हैं। कार्येक्रम में उपस्थित श्रोताओं को संपूर्ण रूप से आध्यात्मिकता के सागर में डूबे हुए देखा जा सकता था। कई लोगों ने डीजेजेएस द्वारा शास्त्रों की वैज्ञानिक व्याख्या की प्रशंसा की। आध्यात्मिक संदेश का विधिवत रूप से संचार किया गया व उपस्थित दर्शकों ने उसे विधिवत रूप से प्राप्त भी किया।