दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान द्वारा 19 मार्च, 2023 को भारतीय संस्कृति व परंपरा अनुसार उत्तर प्रदेश के नोएडा क्षेत्र में नवीन शाखा का उद्घाटन किया गया। इसी के साथ, अपने इस अथक प्रयास द्वारा संस्थान ने विश्व शांति की ओर एक और कदम बढ़ाया। यह नवीन केंद्र जे-176, सेक्टर-41, प्रयाग हॉस्पिटल के पास, नॉएडा, उत्तर प्रदेश में स्थापित किया गया है। ये गुरुदेव श्री आशुतोष महाराज जी की दिव्य अनुकंपा से साधकों को सत्य पथ पर नियमित मार्गदर्शन देने व समाज के उत्थान की ओर सामूहिक प्रयासों की आवश्यकताओं को ध्यान में रख कर खोला गया है। इससे नोएडा क्षेत्र के आसपास से अनेकों श्रद्धालुगण संस्थान से जुड़कर आध्यात्मिक रूप से लाभान्वित हो भक्ति मार्ग को प्राप्त कर पाएंगे।
कार्यक्रम की शुरुआत गुरुदेव के चरण कमलों में प्रार्थना के साथ हुई। तत्पश्चात वैदिक कालीन परम्परानुसार यज्ञवेदी में यज्ञ की पवित्र अग्नि प्रज्वलित की गयी। यज्ञ के बहुआयामी प्रभाव हैं और यह केवल बाहरी स्तर तक ही सीमित नही हैं। शुद्धिकरणीय प्रभाव होने के कारण यह वातावरण में व्याप्त हानिकारक जीवाणुओं को खत्म करता है और हवा में मौजूद प्रदूषकों को बेअसर करता है। साथ ही इसमें तनाव और अवसाद को ठीक करने के चिकित्सीय गुण भी होते हैं। इसी कार्यक्रम के तहत यज्ञ में होने वाले अनुष्ठानिक हवन के प्रतीकात्मक अर्थ को भी समझाया गया।
कार्यक्रम में प्रचारक शिष्यों द्वारा उपस्थित अनेक प्रतिष्ठित अतिथियों व सभी भक्तों का स्वागत किया गया। स्वामी नरेन्द्रानंद जी ने अपने अमूल्य विचारों द्वारा भक्ति संदेशों को सबके सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने समाज और व्यक्ति के जीवन में उल्लेखनीय परिवर्तन लाने के लिए शाश्वत ज्ञान और आन्तरिक जाग्रति की प्राचीन विरासत की अनिवार्यता पर ज़ोर दिया। साथ ही, उन्होंने विशेष रूप से समझाया की मन की सभी उलझनें और जीवन की सभी परेशानियाँ खत्म हो सकती हैं अगर व्यक्ति अपने अंत:करण में उतरना सीख जाए और साथ ही शाश्वत ज्ञान को प्राप्त कर नि:स्वार्थ भाव से सेवा कार्यों में अपना योगदान दें। ज्ञानवर्धक प्रवचन और भावपूर्ण भजनों ने वहां उपस्थित श्रद्धालुओं को जीवन में आने वाले संघर्षों, भय, अवसादों एवं नकारात्मकता को ब्रह्मज्ञान की ध्यान साधना द्वारा खत्म कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
सामूहिक साधना सत्र में सभी ब्रह्मज्ञानी शिष्यों ने मानव कल्याण एवं विश्व शांति हेतु ईश्वर के चरणों में सामूहिक साधना एवं प्रार्थनाएं अर्पित कर वातावरण को आनंदित किया। कार्यक्रम के अंतिम पलों में साधकों को समान रूप से आध्यात्मिक ज्ञान, भक्तिपूर्ण प्रेरणाओं एवं आंतरिक शांति संबंधी जिज्ञाओं तथा साप्ताहिक सत्संग द्वारा अनेकों प्रेरणाओं का लाभ प्राप्त करने हेतु आश्रम आने के लिए भी निमंत्रण दिया गया। कार्यक्रम सामूहिक भोज के साथ संपन्न हुआ।