संतों की इस दिव्य भूमि के आध्यात्मिक खजाने के बारे में लोगों को जागरूक करने हेतु, सर्व श्री आशुतोष महाराज जी (संस्थापक एवं संचालक, डीजेजेएस) के मार्गदर्शन में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान ने 12वें डिब्रूगढ़ पुस्तक मेले में भाग लिया। मिलन ज्योति संघ (सामाजिक-सांस्कृतिक और खेल संगठन, डिब्रूगढ़) द्वारा 26 नवंबर से 7 दिसंबर, 2021 तक बारह दिवसीय पुस्तक मेले का असम के चौकीडिंगी मैदान में आयोजन किया गया। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने एक बार कहा था, “सीखने से रचनात्मकता आती है, रचनात्मकता से सोच बनती है, सोच द्वारा ज्ञान अर्जित किया जाता है, और ज्ञान आपको महान बनाता है।“
डीजेजेएस के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं ने निष्ठापूर्वक स्टॉल का प्रबंधन किया और विभिन्न आगंतुकों को आकर्षित किया। डीजेजेएस ने लोगों को इस बारे में बताया कि अच्छी किताबें उन्हें सही दिशा की ओर ले जा सकती हैं। एलिजाबेथ बैरेट ब्राउनिंग ने कहा है कि “उस व्यक्ति को मित्रहीन नहीं कहा जा सकता, जिसके पास ईश्वर और अच्छी पुस्तकों का संग हो।“ अध्यात्म, मानव जीवन – इन विषयों से संबंधित स्टाल पर वैज्ञानिक और तार्किक रूप से विभिन्न पुस्तकों के साथ समझाया गया था। डीजेजेएस ने जीवन के सार, यानी आध्यात्मिक ज्ञान को प्राप्त करने का मार्ग स्पष्ट किया।
सत्य की खोज, समाधि, अखंड ज्ञान (संस्थान की मासिक पत्रिका), इंसाइटफुल चैट्स, माइंड: द डबल-एज्ड स्वॉर्ड, जेम्स ऑफ स्पिरिचुअलिटी, महायोगी का महारहस्य, आदि पुस्तकों ने आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया और उन्हें आध्यात्मिकता की ओर प्रेरित किया। उपस्थित लोगों ने संस्थान के उद्देश्य व ब्रह्मज्ञान के विषय में जानने हेतु विशेष रुचि दिखाई। डीजेजेएस प्रचारकों ने लोगों के विभिन्न प्रश्नों के संतोषजनक उत्तर दिये। आगंतुकों ने सर्व श्री आशुतोष महाराज जी की समाधि के बारे में जानने हेतु विशेष रुचि दिखाई तथा वे यह तथ्य जानकर चकित रह गए कि महापुरुष, योगीजन अलग अलग समय पर अलग अलग अवधि के लिए समाज कल्याण हेतु समाधि में जाते रहे हैं।
डीजेजेएस कार्यकर्ताओं ने संस्थान की विभिन्न सामाजिक गतिविधियों जैसे कि अंतरक्रांति (कैदी सुधार और पुनर्वास कार्यक्रम), संरक्षण (प्रकृति संरक्षण कार्यक्रम), मंथन (अभावग्रस्त बच्चों के लिए समग्र शिक्षा कार्यक्रम), संतुलन (लिंग समानता कार्यक्रम) आदि के बारे में भी बताया। पुस्तक मेले में श्री रितुपर्णा बरुआ (भाजपा नेता, असम पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष) ने डीजेजेएस के स्टाल का दौरा किया और डीजेजेएस के प्रयासों की सराहना की।
डीजेजेएस का यह प्रयास एक बड़ी सफलता रहा। इसने प्रदर्शकों, संपादकों, लेखकों, आध्यात्मिक साधकों, साहित्य प्रेमियों और आलोचकों को वास्तविक आध्यात्मिकता के विषय की ओर आकर्षित किया।