दिल्ली स्थित दिव्य धाम आश्रम में 4 जून को विशाल मासिक सत्संग कार्यक्रम का आयोजन रहा| बड़ी संख्या में भारत के बहुत से राज्यों से आए श्री आशुतोष महाराज जी के प्रचारक शिष्य व शिष्याओं ने इसमें शिरकत की| राजस्थान, डूंगरपुर शाखा से आईं साध्वी भगीरथी भारती जी ने सभी उपस्थित साधकों को भक्ति मार्ग पर हमेशा टिके रहने के लिए प्रेरित किया| उन्होंने कहा कि सत्य मार्ग पर निरंतर बढ़ते रहने के लिए सद्गुरु के वचनों को मंत्र समान जीवन में स्वीकारना होगा| जैसे एक खिलाड़ी प्रशिक्षक के आदेशानुसार अगर बढ़ता है तो श्रेष्ठ खिलाड़ी बन सकता| बहुत से पदकों व प्रसिद्धी को पा सकता है| ऐसे ही भक्ति मार्ग प्रदर्शित करने वाले गुरु के श्री वचनानुसार शिष्य जीवन जीता है तो वह भी भक्ति पथ से कभी डिग नहीं सकता| वहीं, साध्वी तपेश्वरी भारती जी ने ब्रह्मज्ञान की ध्यान-साधना के वैज्ञानिक व आध्यात्मिक पक्षों को साधकों के आगे प्रस्तुत किया| सभी शास्त्र-ग्रंथों में वर्णित भारत की इस सनातन धरोहर- “ब्रह्मज्ञान” के अनेक लाभों से भी साध्वी जी ने पर्दा उठाया| ब्रह्मज्ञान को जीवन में अभ्यास के स्तर पर भी लागू करने के लिए शिष्यों को प्रेरणा दी गई| साथ ही, संस्थान की दक्षिण भारत स्थित बेंगलुरु शाखा से आईं साध्वी रितु भारती जी और उत्तर प्रदेश शाखा से आईं साध्वी लोकेशा भारती जी ने भी गुरु भक्ति से ओत-प्रोत अनेक विचारों को प्रस्तुत किया| श्री आशुतोष महाराज जी के संगीतज्ञ शिष्य व शिष्याओं द्वारा प्रस्तुत किए गए दिव्य भजनों से भक्ति की तरंगें चारों ओर फैल गई| जिन्हें गुनगुनाते हुए गुरुभक्तों में जोश, उत्साह और आनंद के भाव देखे गए| सामूहिक बुलंद जयघोष की गूँज से नवयुग सृजना का स्वर साफ सुनाई दे रहा था| अंत में, स्वामी नरेन्द्रानंद जी ने संस्थान की अनेकों गतिविधियों की सूचना प्रसारित की| इसी के चलते, संस्थान के संपूर्ण शिक्षा कार्यक्रम- मंथन के कार्य शैली, प्रयास और सफलता का ब्यौरा देती एक documentary भी दिखाई गई| जिसे देख लोग व उपस्थित गणमान्य अतिथि अभावग्रस्त बच्चों की शिक्षार्थ किए जा रहे संस्थान के इस प्रयास की सराहना किए बगैर नहीं रह पाए व इस प्रकल्प में मदद करने के लिए भी आगे आए|
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