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जलवायु परिवर्तन नामक महासंकट की रोकथाम हेतु संकल्पबद्ध, दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के पर्यावरण संरक्षण प्रकल्प – संरक्षण ने अर्थ आवर 2019 के उपलक्ष मे साधना सत्रों व जागरूकता रैलियों का आयोजन किया|

DJJS Sanrakshan observes Earth Hour 2019: Undertakes Awareness Walks and Meditation Sessions

आज विज्ञान ने भी इस तथ्य को प्रमाणित किया है कि यह सम्पूर्ण सृष्टि ऊर्जा का एक खेल है; सूक्ष्म ऊर्जा कि ही स्थूल अभिव्यक्ति है| सकारात्मक और नकारात्मक; सृजनात्मक व विध्वंसक इन दोनों शक्तियों के सूक्ष्म संतुलन पर ही यह सम्पूर्ण सृष्टि व इसका एक एक तंत्र टीका है| परंतु विडम्बना है कि समय के प्रवाह मे, मानव कि भोगवादी सोच के चलते आज हम उस काल मे आकार खड़े हैं जहां प्रकृति का यह सूक्ष्म संतुलन इस हद तक बिगड़ गया है कि आज प्रकृति से भूकंप, बाड़, तूफान आदि विध्वंसक प्रतिक्रियाएँ उठ रही हैं| हाल यह है विध्वंस, विनाश, प्रलय आदि शब्द इस सदी को परिभाषित कर रहे हैं| आज समय कि मांग है कि इस बिगड़े हुये प्राकृतिक संतुलन को एक बार फिर संतुलित किया जाये|

दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के संस्थापक व संचालक श्री आशुतोष महाराज जी का कथन है, “मानव प्रकृति द्वारा निर्मित एक ऐसा अनूठा यंत्र है जो अपनी शक्ति व कर्म से प्राकृतिक संतुलन को बिगाड़ भी सकता है और उसे पुनः संतुलित भी कर सकता है| गत कई वर्षों से मानव ने अपने कर्मों से ही इस भयावह पर्यावरण संकट को आकार दिया है और आज अब समय है कि वह स्वयं इस सूक्ष्म संतुलन को पुनर्स्थापित करने मे संलग्न होजाए|”

DJJS Sanrakshan observes Earth Hour 2019: Undertakes Awareness Walks and Meditation Sessions

भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ व मानव शक्तियों के विकास के चिरंतम विज्ञान ब्रह्म ज्ञान को जन जन को प्रदान कर श्री आशुतोष महाराज जी ने विश्व भर मे लाखों मानवों को सदकर्म एवं परमार्थ कि रह दिखाई है और उन्हे सशक्त किया है| ब्रह्मज्ञान कि साधना कि गहराई मे उतर ही जब हमारे ऋषि मनीषियों ने जगत को आकर देने वाली सूक्ष्म शक्ति का साक्षात्कार किया तो उसकी प्रेरणा से ही उन्होने भारतीय जीवनशैली के पोर पोर मे प्राकृतिक संरक्षण के सिद्धांतों को पिरोया| उससी ब्रह्मज्ञान कि ध्यान साधना मे संलग्न को प्रत्येक वर्ष महाराज श्री के लाखों शिष्य अर्थ अवर के अवसर पर न केवल बिजली के संसाधनों को बंद करते हैं अपितु साधना कर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुधान भी धरती माँ को अर्पित करते हैं|

इसके साथ साथ हर वर्ष कि ही भांति अर्थ आवर से एक सप्ताह पूर्व से ही संस्थान कि विभिन्न शाकाओं ने जागरूकता रैलियाँ भी आयोजित कि और सामनी जन मानस को जलवायु परिवर्तन कि रोकथाम हेतु कदम उठाने के लिए प्रेरित किया|

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