डी.जे.जे.एस. संतुलन, संस्थान के संस्थापक और संचालक दिव्य गुरु श्री आशुतोष महाराज जी की असीम कृपा से त्यौहारों और विशेष दिवसों को मनाने के मूल/सूक्ष्म दृष्टिकोणों को प्रस्तुत करता आ रहा हैं। संस्थान जन संवेदीकरण कार्यक्रमों और आध्यात्मिक सभाओं के माध्यम से प्रचलित महिला मुद्दों को संबोधित करने में हमेशा से अग्रणी रहा हैं। लिंग-भेद आधारित मुद्दों पर समाज की मानसिकता को बदलने हेतु व इस क्रांति में राष्ट्र को सम्मिलित करने के उद्देश्य से, टीम शिमला जिले में पहुँची और 27 मई, 2022 को जुबली हॉल, आईटीबीपी बोंडा, सराहन, रामपुर में एक संवेदीकरण कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम का आयोजन हिमवीर वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन 19वीं बटालियन आईटीबीपी द्वारा किया गया।
महिलाओं के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए, विश्व भर में वर्ष भर जागरूकता फैलाने वाली गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। डीजेजेएस की कथाएं और नारीत्व के वैदिक पुनरुद्धार परियोजनाओं का उद्देश्य समग्र महिला सशक्तिकरण करना और महिलाओं की विलुप्त हो चुकी गरिमा को पुनः स्थापित करना हैं। ऐसे ही एक समाजिक-आध्यात्मिक कार्यक्रम - श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन शिमला में किया गया, जिसमें कथाव्यास ने सामाजिक बुराइयों, समाज में महिलाओं की बिगड़ती स्थिति और उनके खिलाफ होने वाले अत्याचारों पर प्रकाश डाला।
डी.जे.जे.एस. द्वारा आयोजित भागवत कथा में कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी के प्रवचन से शुरू हुई। कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी को कार्यक्रम में शामिल होने व महिलाओं को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया था। दो घंटे तक चले इस आध्यात्मिक समागम का शुभारम्भ यजमानों को पुष्प भेंट और तिलक लगाकर पारंपरिक स्वागत कर हुआ। इसके बाद कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी और गेस्ट ऑफ ऑनर श्रीमती नंदा देवी रानी जी [चीफ पैटर्न हिमवीर वाइफ वेलफेयर एसोसिएशन] द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। इसके अंतर्गत मंत्रमुग्ध कर देने वाला गायन और नृत्य का प्रदर्शन भी हुआ, जो उन सभी माताओं को सलाम करता हैं, जो अपनी संतानों की परवरिश करने के तरीके, उनके द्वारा रोपित गुणों और उनके द्वारा गढ़े पात्रों के लिए आदर्श बनीं।
संवेदनशील गतिविधियों के बाद, कथाव्यास साध्वी कालिंदी भारती जी द्वारा एक ज्ञानवर्धक व्याख्यान दिया गया, जिसमें उन चुनौतियों पर प्रकाश डाला गया, जिसका प्रत्येक माँ जीवन भर सामना करती है और उन बाधाओं के खिलाफ खड़ी रहती हैं।
इस कार्यक्रम में 200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया और एक समूह फोटो के साथ इसका समापन हुआ।