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शरद पूर्णिमा की पवित्र पूर्णिमा की रात, जब माना जाता है कि चाँदनी में दिव्य उपचार करने वाली ऊर्जा होती है, DJJS आरोग्य ने शरद पूर्णिमा महोत्सव 2025 का आयोजन किया - यह एक वार्षिक उत्सव है जो प्राचीन उपचार परंपराओं के पुनरुत्थान और प्राकृतिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है।

DJJS Sharad Purnima Mahotsav 2025: Continuing the legacy of ancient healing tradition

इस खास रात में, जब चांदनी खीर के कटोरे को छूती है, तो वह उसमें शीतलता और पुनर्जीवन का संचार कर देती है — शरीर को आराम और मन को शांति प्रदान करती है। यह सरल परंतु गहन परंपरा उत्सव का केंद्र बन गई, जो संतुलन, पवित्रता और पोषण का प्रतीक है।

स्वस्थता का राष्ट्रव्यापी उत्सव

DJJS Sharad Purnima Mahotsav 2025: Continuing the legacy of ancient healing tradition

6 अक्टूबर 2025 को, महोत्सव ने भारत और विदेशों के 33 स्थलों पर अपनी रोशनी बिखेरी — दिल्ली से जयपुर तक, नूरमहल से लेकर फ़्रैज़नो (अमेरिका) तक — और हजारों लोगों को एक ही उज्ज्वल चांदनी के नीचे एकजुट किया। 

“परंपरा के माध्यम से आरोग्यता” इस वर्ष की थीम थी, जिसने जीवन के हर क्षेत्र से लोगों को प्रेरित किया कि वे एक साथ आएं और प्रकृति की लय से पुनः जुड़ें। 

निम्लिखित स्थानो पर कार्यक्रम अयोजित किये गये: 

दिल्ली– दिव्य धाम आश्रम 

पंजाब – डबवाली मलकोकी, नूरमहल 

राजस्थान – जयपुर, जोधपुर 

उत्तर प्रदेश– गोरखपुर, प्रयागराज, आगरा, बरेली, वाराणसी, फाजिलनगर, आज़मगढ़, अलीगढ़, मेरठ, लखनऊ, कानपुर 

मध्य प्रदेश– ग्वालियर, भोपाल, मंडला

महाराष्ट्र– चाकण, नसरुल्लागंज, नागपुर, अमरावती

असम– डिब्रूगढ़ 

ओडिशा– संबलपुर

बिहार– पटना, सहरसा 

हरियाणा– रेवाड़ी, कुरुक्षेत्र

कर्नाटक – बेंगलुरु 

अमेरिका (कैलिफ़ोर्निया) – फ्रेज़्नो

विश्वभर से हुई सहभागिता ने इस आयोजन में अपनत्व और एकता की भावना को ओर प्रबल किया, जिससे यह सामूहिक उपचार का सच्चा उत्सव बन गया।

महोत्सव की प्रमुख झलकियाँ

  • प्राचीन ज्ञान के मार्गदर्शन में

इस महोत्सव में आयुर्वेदिक विशेषज्ञ, स्थानीय नेता और वेलनेस एडवोकेट शामिल हुए, जिन्होंने दिनचर्या (दैनिक जीवन के नियम) और ऋतुचर्या (मौसमी आचरण) पर अपने अनुभव और ज्ञान साझा किए — जिससे लोगों को अपनी जीवनशैली को प्रकृति के चक्रों के अनुरूप ढालने की प्रेरणा मिली।

स्वास्थ्य शिविरों, जनजागरूकता अभियानों और संवादात्मक सत्रों के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य के प्रति जनसमझ को और भी गहरा किया गया। विभिन्न क्षेत्रों के मीडिया संस्थानों ने इस भव्य उत्सव की व्यापक कवरेज की, जिसमें उसकी आध्यात्मिक सुंदरता और सामाजिक प्रभाव को बखूबी दर्शाया गया।

पूर्णिमा की चाँदनी में, प्रतिभागियों ने— प्राकृतिक चिकित्सा को अपनाने, रसायनों पर निर्भरता कम करने और अपने परिवारों और समुदायों में परंपरागत स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने हेतु  एक भावपूर्ण संकल्प लिया ।

महोत्सव ने विविध रोचक गतिविधियों के माध्यम से ज्ञान, स्वास्थ्य और आनंद को एक साथ प्रस्तुत किया।

प्रतिभागियों ने इंटरैक्टिव सत्रों के माध्यम से प्राथमिक उपचार, स्वास्थ्य वार्ताओं और चित्ताकर्षक हेल्थ क्विज़ के जरिए प्रिवेंटिव केयर (रोग-निवारक देखभाल) की जानकारी प्राप्त की। रचनात्मक नाट्य प्रस्तुतियों ने स्वस्थ जीवन के संदेशों को प्रभावशाली ढंग से साझा किया, वहीं योग सत्रों ने सभी को शारीरिक व मानसिक संतुलन का अनुभव कराया। हल्के-फुल्के खेलों और वेलनेस एक्टिविटीज़ ने वातावरण को उल्लास से भर दिया, जबकि निःशुल्क स्वास्थ्य जांच ने यह सुनिश्चित किया कि प्रत्येक सहभागी को आवश्यक देखभाल प्राप्त हो।

30,000 से अधिक लोग विभिन्न स्थानों पर शामिल हुए । रात्रि—  भक्ति, संगीत और सामूहिक शांति से सराबोर थी । चाँद की शक्ति से प्रभावित खीर वितरित की गई, खासकर उन लोगों को जिनको श्वसन संबंधी परेशानियाँ थीं — इस तरह एक पवित्र उपचारात्मक परंपरा को आगे बढ़ाया गया।

निरंतर प्रतिबद्धता

इस उत्सव के बाद भी, DJJS आरोग्य का मिशन जारी है — प्राचीन चिकित्सा ज्ञान को आधुनिक जीवन में लाना।

आयुर्वेद, योग और समग्र स्वास्थ्य प्रथाओं के माध्यम से, आरोग्य लोगों को — विशेष रूप से पिछड़े और असहाय समुदायों में — सशक्त बनाता है ताकि वे स्वस्थ जीवन जी सकें और प्राचीन भारतीय परंपराओं का आनंद पुनः महसूस कर सकें ।

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